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108 थाई सैन्य अधिकारी बने श्रामणेर

108 थाई सैन्य अधिकारी बने श्रामणेर फोटो- बोधगया 01- महाबोधि मंदिर में बोधिवृक्ष के नीचे श्रामणेर बनने के बाद पूजा-अर्चना करते थाई सैन्य अधिकारी व भिक्षु. संवाददाता, बोधगयाथाइलैंड के 108 सैन्य अधिकारियों ने गुरुवार को महाबोधि मंदिर परिसर में श्रामणेर की दीक्षा ली. ये सभी सैन्य अधिकारी अल्पकाल के लिए बौद्ध भिक्षु के रूप में […]

108 थाई सैन्य अधिकारी बने श्रामणेर फोटो- बोधगया 01- महाबोधि मंदिर में बोधिवृक्ष के नीचे श्रामणेर बनने के बाद पूजा-अर्चना करते थाई सैन्य अधिकारी व भिक्षु. संवाददाता, बोधगयाथाइलैंड के 108 सैन्य अधिकारियों ने गुरुवार को महाबोधि मंदिर परिसर में श्रामणेर की दीक्षा ली. ये सभी सैन्य अधिकारी अल्पकाल के लिए बौद्ध भिक्षु के रूप में जीवन बसर करेंगे. इस दौरान ये सभी अधिकारी बौद्ध मठ में प्रवास करेंगे और पंचशील का पालन करते हुए पूजा व साधना में लीन रहेंगे.महाबोधि मंदिर परिसर में बोधिवृक्ष के नीचे गुरुवार को शीर्ष बौद्ध भिक्षुओं के नेतृत्व में सभी सैन्य अधिकारियों ने दीक्षा ली व श्रामणेर बने रहने की अवधि में पूर्ण रूप से एक बौद्ध भिक्षु की तरह जीवन यापन करने का संकल्प लिया. इस दल में थाइलैंड के जल, थल व वायु सेना के सेवानिवृत्त व वर्तमान में कार्यरत अधिकारी शामिल हैं. गौरतलब है कि हाल के वर्षों में ऐसा देखा जा रहा है कि थाइलैंड की सैन्य अधिकारी किसी बौद्ध भिक्षु के नेतृत्व में बोधगया आते हैं व 10 से 15 दिनों के लिए श्रामणेर (अल्पकालिक बौद्ध भिक्षु) बनते हैं. इस दौरान इनका चीवर (वस्त्र) आम भिक्षुओं से अलग सफेद रंग का होता है. ये सैन्य अधिकारी बोधगया व बुद्ध से जुड़े अन्य स्थलों का भी भ्रमण करते हैं. श्रामणेर बनने के पीछे इनका तर्क होता है कि बौद्ध भिक्षुओं के रूप में जीवन जीने से उन्हें मानसिक शांति मिलती है अौर एक अलग अनुभूति भी होती है.

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