23 वर्षों के बाद लौटा कपिलदेव, घर मनी दीपावली

23 वर्षों के बाद लौटा कपिलदेव, घर मनी दीपावलीफोटो : लापता युवक कपिलदेव का.1992 में बिना किसी को बताये रोजगार की तलाश में कपिलदेव ने छोड़ दिया था घर प्रतिनिधि, परैयापरैया प्रखंड के अजमतगंज गांव के स्वर्गीय कौलेश्वर प्रसाद के घर में 23 वर्षों के बाद खुशियां लौटीं. उनका लापता बेटा कपिलदेव प्रसाद माथुर दीपावली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 12, 2015 11:45 PM

23 वर्षों के बाद लौटा कपिलदेव, घर मनी दीपावलीफोटो : लापता युवक कपिलदेव का.1992 में बिना किसी को बताये रोजगार की तलाश में कपिलदेव ने छोड़ दिया था घर प्रतिनिधि, परैयापरैया प्रखंड के अजमतगंज गांव के स्वर्गीय कौलेश्वर प्रसाद के घर में 23 वर्षों के बाद खुशियां लौटीं. उनका लापता बेटा कपिलदेव प्रसाद माथुर दीपावली के दिन पहले अचानक घर लौट आया. पहले तो स्वर्गीय कौलेश्वर की पत्नी अपने बेटे को पहचान नहीं पायी. उसे यकीन नहीं हुआ कि यह वहीं कपिल है, जो 23 वर्ष पहले अचानक परिवार को छोड़ कर चला गया था. इधर, कपिलदेव के घर आने की खबर के बाद उसे देखने व मिलने के लिए गांववाले बेेचैन रहे.कपिलदेव के परिजनों व गांववालों के अनुसार, 1992 में बिना किसी को बताये घर से रोजगार की तलाश में वह निकल गया था. उस समय कपिल इंटर पास कर चुका था. उसका परिवार तंगहाली का शिकार था. कपिलदेव का यह फैसला उसके परिवार के लिए परेशानी का सबब बन गया. उसने पिछले 23 वर्षों से अपने घरवालों के संपर्क नहीं किया. घर के सदस्य गुड्डू व कपिल के भतीजे ने बताया कि इतने वर्षों तक कपिलदेव के गायब रहने से घरवालों की उम्मीदें पूरी तरह टूट गयी थीं. काफी खोजबीन के बाद भी उससे संपर्क नहीं हो सका. कपिलदेव के अनुसार, घर से निकलने के बाद वह कोलकाता व दिल्ली होते हुए हैदराबाद पहुंचा. हैदराबाद में वह एक होटल में काम करने लगा. होटल मालिक चुन्नू मियां ने पांच साल तक काम कराने के बाद पासपोर्ट बना कर उसे सऊदी अरब भेज दिया, जहां उसे एक मेडिकल स्टोर में काम मिला. कुछ दिन जब वह भारत लौटना चाहा, तो उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया. वह करीब 15 वर्षों तक सऊदी अरब में ही काम करता रहा और वतन वापसी की जुगाड़ में लगा रहा. इसी बीच एक भारतीय से पहचान हुई और उसने नया पासपोर्ट बनाने में मदद की. पासपोर्ट बनने के बाद वह भारत लौट सका और हैदराबाद में अपना होटल खोला. वहीं पर कपिलदेव ने शादी कर भी ली. इसके बाद दीपावली के एक दिन पहले वह अपने पैतृक गांव लौटा. कपिलदेव ने कहा कि वह खुश है कि 23 वर्षों के बाद उसने अपनी मां व अन्य घरवालों के दीवाली मनायी.

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