क्रोध व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन : भगवान भाई
क्राेध व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन : भगवान भाईसफलता की कुंजी व तनावमुक्ति विषय पर संगाेष्ठी का आयोजनमुख्य संवाददाता, गयाक्राेध व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन है. यह मनुष्य का विवेक नष्ट कर देता है. क्षणिक क्राेध या आवेश में व्यक्ति कभी न सुधरनेवाली भूल कर बैठता है. क्राेध से मानसिक तनाव भी बढ़ता है. ये […]
क्राेध व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन : भगवान भाईसफलता की कुंजी व तनावमुक्ति विषय पर संगाेष्ठी का आयोजनमुख्य संवाददाता, गयाक्राेध व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन है. यह मनुष्य का विवेक नष्ट कर देता है. क्षणिक क्राेध या आवेश में व्यक्ति कभी न सुधरनेवाली भूल कर बैठता है. क्राेध से मानसिक तनाव भी बढ़ता है. ये बातें धर्मसभा भवन में गुरुवार काे सफलता की कुंजी व तनावमुक्ति विषय पर आयाेजित संगाेष्ठी में प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू के राजयाेग ब्रह्मकुमार भगवान भाई ने कहीं.संगोष्ठी में भगवान भाई ने कहा कि मन में चलनेवाले नकारात्मक विचार, शंका, कुशंका, ईर्ष्या, घृणा, नफरत व अभिमान से क्राेध उत्पन्न हाेता है. एक सेकेंड का क्राेध कई वर्षाें तक के पश्चाताप का कारण बन जाता है. क्राेध से मनमुटाव, संबंधाें में रूखापन, मानसिक व शारीरिक अनेक बीमारियां हाेती हैं. उन्हाेंने कहा कि सकारात्मक चिंतन ही क्राेधमुक्त बनने की संजीवनी बूटी है. सकारात्मक चिंतन से जीवन की समस्याआें का भी समाधान हाे जाता है. इससे सहनशीलता आती है. विपरीत परिस्थितियों में सकारात्मक दृष्टिकाेण के कारण तनावमुक्त रह सकते हैं.रांची से आयीं ब्रह्मकुमारी सेवा केंद्र की निर्मला बहन ने कहा कि क्राेध मूर्खता से प्रारंभ हाेता है व पश्चाताप पर खत्म हाे जाता है. सिविल लाइंस के पास नूर कंपाउंड स्थित ब्रह्मकुमारी केंद्र की संचालिका शीला बहन ने कहा कि आध्यात्मिकता से खुशी व एकाग्रता आयेगी. चैंबर अॉफ काॅमर्स के पूर्व अध्यक्ष काैशलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि प्रभु के शरण से हमें जीवन में सफलता मिलती है. इस माैके पर स्टील कंपनी के पूर्व महाप्रबंधक जयदेव सिंह व प्रदीप भाई आदि भी माैजूद थे.