भंडार रूम में बन रहा एमडीएम

भंडार रूम में बन रहा एमडीएमनवसृजित प्राथमिक विद्यालय, मांडर को नौ साल बाद मिला भवन, पर नहीं बनाया गया किचन शेड मना करने पर ही विद्यालय परिसर में ही स्थानीय लोगों द्वारा जमा किया जाता गोबर व कूड़ा प्रतिनिधि, डुमरियाडुमरिया प्रखंड क्षेत्र के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय, मांडर में किचन शेड नहीं है. एक कमरे में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 28, 2015 10:55 PM

भंडार रूम में बन रहा एमडीएमनवसृजित प्राथमिक विद्यालय, मांडर को नौ साल बाद मिला भवन, पर नहीं बनाया गया किचन शेड मना करने पर ही विद्यालय परिसर में ही स्थानीय लोगों द्वारा जमा किया जाता गोबर व कूड़ा प्रतिनिधि, डुमरियाडुमरिया प्रखंड क्षेत्र के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय, मांडर में किचन शेड नहीं है. एक कमरे में मध्याह्न भोजन (एमडीएम) बनाया जा रहा है. कमरे में एमडीएम बनाये जाने के कारण बच्चों को बरामदे में बैठ कर पढ़ाया जा रहा है. विद्यालय प्रभारी रुख्सार परवीन ने बताया कि वर्ष 2006 के दिसंबर माह में विद्यालय स्थापना की गयी थी, तब विद्यालय का अपना भवन नहीं था. भवन के अभाव में सामुदायिक भवन, मांडर में वर्ष 2007 से 2013 तक स्कूल को चलाया गया. डीएम के निर्देशानुसार 16 अक्तूबर, 2013 से मध्य विद्यालय पिपरा में एक कमरा में स्कूल चलाया जा रहा था. 10 नवंबर, 2015 को विद्यालय को अपना भवन मिला, तब से उक्त भवन में विद्यालय चल रहा है. विद्यालय में मध्याह्न भोजन बनाने के लिए किचन शेड नहीं बनाया गया है. किचन शेड नहीं होने के कारण विद्यालय के एक कमरे, जो भंडार है, उसी में मध्याह्न भोजन बनाया जाता है. वहीं, कमरे के अभाव में बच्चों को बरामदे में ही बैठा कर शिक्षक पढ़ाते हैं. विद्यालय प्रभारी ने कहा कि किचन शेड के लिए विद्यालय के पास जमीन भी उपलब्ध है. स्थानीय लोगों द्वारा विद्यालय परिसर में ही गोबर व कूड़ा जमा किया जाता है. दुर्गंध से बच्चों व शिक्षकों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है. कई बार ग्रामीणों को स्कूल परिसर में गोबर व कूड़ा नहीं डालने अौर उनके द्वारा फेंके गये कूड़े को उठा कर दूसरी जगह फेंकने का आग्रह किया गया है. 22,917 बच्चों ने मिली पोलियोरोधी खुराक डुमरिया. पोलियो उन्मूलन अभियान के तहत डुमरिया प्रखंड क्षेत्र में 56 टीमों के सदस्यों द्वारा घूम-घूम कर 22,098 घरों में 22917 बच्चों को पोलियोरोधी खुराक पिलायी गयी. इस कार्य की मॉनीटरिंग के लिए 20 पर्यवेक्षक भी लगाये गये थे. डब्ल्यूएचओ के मॉनीटर मोहम्मद जावेद ने बताया कि संसाधनों की कमी के बावजूद डुमरिया में टीम के सदस्याें ने पोलियो उन्मूलन अभियान को सफल बनाया. इसके लिए सभी स्वास्थकर्मियों व स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को धन्यवाद देता हूं.

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