कुल का एक भक्त, 21 पीढ़ियों का करता है तारण : आशुतोषानंद

कुल का एक भक्त, 21 पीढ़ियाें का करता है तारण : आशुताेषानंदफोटो-कथा सुनाते स्वामी आशुतोषानंद गिरि जी महाराज. इमामगंज. कुल–खानदान में एक बार भी भगवान का भक्त पैदा ले लेता है, तो वह 21 पीढ़ियों के पूर्वजों का कल्याण कर देता है. जब अधर्म बढ़ता है, तो पृथ्वी पाप का भार नहीं उठा पाती है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2015 10:43 PM

कुल का एक भक्त, 21 पीढ़ियाें का करता है तारण : आशुताेषानंदफोटो-कथा सुनाते स्वामी आशुतोषानंद गिरि जी महाराज. इमामगंज. कुल–खानदान में एक बार भी भगवान का भक्त पैदा ले लेता है, तो वह 21 पीढ़ियों के पूर्वजों का कल्याण कर देता है. जब अधर्म बढ़ता है, तो पृथ्वी पाप का भार नहीं उठा पाती है. भूकंप, कम वर्षा व अन्न उत्पादन कम होने लगे, तब मनुष्य को समझना चाहिए कि पाप से पृथ्वी दब गयी है. ये बातें इमामगंज प्रखंड के रानीगंज बाजार में श्रीमद्भागवत महापुराण महायज्ञ के चौथे दिन स्वामी आशुतोषानंद गिरि जी ने कहीं. स्वामी जी ने कहा कि विश्व में जो भी पेड़-पौधे हैं, वह मनुष्य व पर्यावरण के लिए मददगार है. लेकिन, आज मनुष्य अपनी विलासिता के लिए हरे-भरे पेड़ पौधों को काट रहा है. अगर, पेड़ काटना बहुत ही जरूरी है, तो एक पेड़ काटने पर उसकी जगर पांच पेड़ लगाएं.

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