..तो माथे पर रखें अपने वाहन
गया: जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मंगलवार को अभियान चला कर शहर की सड़कों पर खड़े वाहनों को जब्त किया. इस दौरान वहां खड़े लोगों की जुबान से बस एक ही बात निकल रही थी. सड़क पर नहीं, तो क्या माथे पर गाड़ी लेकर जायेंगे दुकानों में! उनकी नाराजगी इस बात पर थी कि जिला […]
गया: जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मंगलवार को अभियान चला कर शहर की सड़कों पर खड़े वाहनों को जब्त किया. इस दौरान वहां खड़े लोगों की जुबान से बस एक ही बात निकल रही थी. सड़क पर नहीं, तो क्या माथे पर गाड़ी लेकर जायेंगे दुकानों में! उनकी नाराजगी इस बात पर थी कि जिला प्रशासन को सड़क पर खड़ी गाड़ियां तो दिखती हैं, लेकिन शायद यह नहीं दिखता कि उनके द्वारा निर्धारित पार्किग में व्यवस्था क्या है ? ऐसे में लोग सड़क पर नहीं, तो कहां पर अपने वाहन लगायेंगे.
वक्त-बेवक्त जब कभी भी पार्किग की बात आती है, तो प्रशासन की ओर से जवाब आता है कि शहर में दोपहिया व चारपहिया वाहनों के लिए स्टैंड बनाये गये हैं. लेकिन, क्या कभी आलाधिकारियों ने पार्किग जोन की व्यवस्था का जायजा लिया? शहर में पार्किग के नाम पर दोपहिया वाहनों के लिए जीबी रोड में तीन जगह व चारपहिया वाहनों के लिए गोल पत्थर, जयप्रकाश नारायण अस्पताल के पास और जिला स्कूल के पूर्वी गेट पर व्यवस्था की गयी है.
पार्किग में क्या है व्यवस्था
जीबी रोड में खड़े राज किशोर प्रसाद जिला प्रशासन से ही सवाल करते हुए कहते हैं कि जिला प्रशासन गयावासियों को यह बताये कि पार्किग का मतलब क्या है? क्या सिर्फ वाहनों को खड़ा करना ही पार्किग है! जिला प्रशासन शहर में जहां-जहां पार्किग जोन की बात कहता है, क्या वहां कोई भी ऐसी व्यवस्था है, जो उसे पार्किग जोन का दर्जा देती हो. इन जगहों पर अगर लोग अपनी गाड़ियां खड़ी करें, तो उसकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होती. पार्किग में शौचालय व पानी आदि की कोई सुविधा नहीं है, तो फिर लोग ऐसी जगहों पर अपनी गाड़ियां क्यों खड़ी करें. दूसरी ओर, निगम प्रशासन का हमेशा से दावा होता है कि जल्द ही पार्किग में सारी सुविधाएं बहाल कर दी जायेंगी.
कैसे खड़े होते हैं प्रतिष्ठान ?
जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से नाराज लोगों ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि बिना पार्किग की व्यवस्था के शहर में व्यावसायिक प्रतिष्ठान चल कैसे रहे हैं? मंगलवार को जिस रास्ते पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई की, उसी मार्ग पर कई सरकारी व गैर सरकारी व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं. इनके पास पार्किग की व्यवस्था नहीं हैं. प्रतिष्ठान बनाने के समय ही इस मसले पर क्यों नहीं सोचा जाता.
नतीजतन, लोगों को सड़क पर ही वाहन लगाना पड़ता है. जीबी रोड में कई बड़ी दुकानें ऐसी हैं, जिनके पास पार्किग के नाम पर कोई व्यवस्था नहीं है. वहां पर लोगों के चलने के लिए बनाये गये फुटपाथों को पार्किग प्लेस की तरह इस्तेमाल किया जाता है. शहर के लोगों का सीधा सवाल है कि क्या प्रशासन को यह सब नहीं दिखता है? आखिर किसकी मरजी से ये प्रतिष्ठान बिना पार्किग व्यवस्था किये अपना धंधा चला रहे हैं. लोगों का यह सवाल जिला प्रशासन के लिए भी मुसीबतें खड़ी कर सकता है.