अगर दोबारा मिली शिकायत तो समाप्त हो जायेगी पार्षदी
गया : नगर निगम में अब तक हुई हड़ताल के बाद हुए समझौतों में शायद पहली बार कोई बड़ा फैसला हुआ है. कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त कराने के लिए गुरुवार को हुई बैठक में नगर आयुक्त विजय कुमार ने कड़े तेवर दिखाते हुए स्पष्ट कर दिया कि अगर पार्षद शशि किशोर शिशु के खिलाफ दोबारा […]
गया : नगर निगम में अब तक हुई हड़ताल के बाद हुए समझौतों में शायद पहली बार कोई बड़ा फैसला हुआ है. कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त कराने के लिए गुरुवार को हुई बैठक में नगर आयुक्त विजय कुमार ने कड़े तेवर दिखाते हुए स्पष्ट कर दिया कि अगर पार्षद शशि किशोर शिशु के खिलाफ दोबारा दुर्व्यवहार की शिकायत मिली, तो वह स्वयं बोर्ड की बैठक में उनकी सदस्यता समाप्त करने का प्रस्ताव पेश कर देंगे. नगर आयुक्त के इस निर्णय के बाद कर्मचारी मान गये और हड़ताल समाप्त करने की घोषणा कर दी गयी.
इससे पहले बैठक की शुरुआत में कर्मचारी नेता एक घंटे तक पार्षद के खिलाफ एफआइआर कराने की मांग पर अड़े रहे. वे लोग किसी भी हालत में समझौता करने के लिए तैयार नहीं थे. अधिकारी काफी देर तक उन्हें समझाते रहे. अंत में नगर आयुक्त द्वारा लिये गये निर्णय के बाद कर्मचारी मान गये और हड़ताल समाप्ति की घोषणा कर दी. बैठक में कर्मचारियों की कई अन्य मांगों पर भी चर्चा हुई. बैठक में डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव, नगर आयुक्त विजय कुमार, सिटी डीएसपी आलोक कुमार सिंह, एसडीओ विकास कुमार जायसवाल, कर्मचारी नेता अमृत प्रसाद व अन्य लोग मौजूद थे.
शहर की हालत सुधरने में लगेंगे चार दिन : कूड़ा व गंदगी से पटे शहर की हालत सुधारने में नगर निगम को चार दिन लगेंगे. सफाई पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार के मुताबिक, अगले चार दिनों में समय सीमा बढ़ा कर शहर की सफाई करायी जायेगी. शहर में हर रोज औसत 225 टन कचरा निकलता है. पिछले चार दिनों में कर्मचारियों की हड़ताल के कारण शहर में करीब 900 टन कचरा जमा हो गया है. कांपेक्टर व लोडर लगा कर शहर से कचरा निकाला जायेगा.
इधर, कर्मचारी नेताओं ने भी स्पष्ट कर दिया कि छुट्टी के दिनों में भी कर्मचारी काम कर हड़ताल अवधि की भरपाई कर देंगे. इसके बदले में कर्मचारियों को हड़ताल अवधि का भुगतान किया जायेगा.
मिथिलेश खुद ही है हत्या के प्रयास का आरोपित
पार्षद शशि किशोर शिशु पर मारपीट का आरोप लगाने वाले िजस मिथिलेश भारती उर्फ मिंटू पासवान नामक कर्मचारी को लेकर अन्य कर्मचारी लामबंद थे, वह खुद ही हत्या के प्रयास का आरोपित है. इसका खुलासा समझौता बैठक में सिटी डीएसपी आलोक कुमार सिंह ने किया. उन्होंने बैठक में ही मिथिलेश से पूछा कि क्या वह 2010 में चंदौती थाना क्षेत्र में हुए मनोज पासवान की हत्या के प्रयास के मामले में आरोपित है, तो कर्मचारी मिथिलेश का जवाब हां था. सिटी डीएसपी ने बताया कि इस मामले में मिथिलेश भारती उर्फ मिंटू पासवान के अलावा कई अन्य लोग भी आरोपित हैं. ऐसे में कर्मचारी की बहाली पर ही सवाल उठने लगा है. चर्चा है कि बिना पड़ताल के ही किसी अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति की नियुक्ति कैसे कर दी गयी़