बंद कराया एमयू, दिया धरना भी

बंद कराया एमयू, दिया धरना भी फोटो- बोधगया 01- एमयू के प्रवेश द्वार पर धरना देते संघ के लोग.बिहार राज्य व्याख्याता अभ्यर्थी संघ ने किया प्रदर्शन, लगायी न्याय की गुहारयूजीसी के 2009 रेगुलेशन से पहले वाले सभी पीएचडी डिग्रीधारकों को व्याख्याता नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करने की मांग संवाददाता, बोधगयाबीपीएससी द्वारा व्याख्याता नियुक्ति प्रक्रिया में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2015 10:50 PM

बंद कराया एमयू, दिया धरना भी फोटो- बोधगया 01- एमयू के प्रवेश द्वार पर धरना देते संघ के लोग.बिहार राज्य व्याख्याता अभ्यर्थी संघ ने किया प्रदर्शन, लगायी न्याय की गुहारयूजीसी के 2009 रेगुलेशन से पहले वाले सभी पीएचडी डिग्रीधारकों को व्याख्याता नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करने की मांग संवाददाता, बोधगयाबीपीएससी द्वारा व्याख्याता नियुक्ति प्रक्रिया में यूजीसी के 2009 रेगुलेशन से पहले वाले सभी पीएचडी डिग्रीधारकों को शामिल किये जाने की मांग को लेकर शुक्रवार को बिहार राज्य व्याख्याता अभ्यर्थी संघ ने मगध विश्वविद्यालय (एमयू) को बंद करा दिया. अभ्यर्थियों ने एमयू के प्रवेश द्वार पर धरना दे दिया और प्रशासकीय भवन की विभिन्न शाखाओं का कामकाज ठप कर दिया. प्रदर्शन के दौरान कुलपति व कुलसचिव के एमयू मुख्यालय में मौजूद नहीं रहने के कारण अभ्यर्थी संघ की तरफ से कुलानुशासक डॉ नंदकुमार यादव को स्मार पत्र सौंपा गया. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संघ के अध्यक्ष डॉ संजय कुमार सिंह चुन्नु ने बताया कि सूबे में बीपीएससी की ओर से व्याख्याताओं की बहाली की जा रही है. इसमें यूजीसी के 2009 के रेगुलेशन से पहले सभी पीएचडी डिग्रीधारकों को शामिल नहीं किया जा रहा है. संघ की मांग है कि बिहार सरकार द्वारा 2009 से पहले की पीएचडी डिग्री को पूर्ण वैधता प्रदान की जाये और इन्हें व्याख्याता नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल किया जाये. साथ ही, एमयू प्रशासन द्वारा यूजीसी के 2009 रेगुलेशन के अनुसार पीएचडी की डिग्री जारी की जाये और इस साल 10 नवंबर को बीपीएससी द्वारा जारी निर्देश के आलोक में पीएचडी का उचित प्रमाणपत्र निर्गत किया जाये. इस मौके पर बिहार राज्य व्याख्याता अभ्यर्थी संघ के महासचिव डॉ शैलेश कुमार चौधरी, संयोजक डॉ अक्षय कुमार, डॉ सुबालाल पासवान, डॉ आलोक कुमार सिन्हा, डॉ विनय कुमार आंबेडकर, डॉ सुरेंद्र कुमार व अन्य लोग भी शामिल थे. धरने के दौरान मगध विश्वविद्यालय थाने की पुलिस एमयू मुख्यालय में तैनात रही.

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