ऐ भारत के सपूतों अपने जज्बा को न भूलो…

एे भारत के सपूतों अपने जज्बा को न भूलो…गया जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन भवन में काव्य संध्या का आयोजनसंवाददाता, गयागया जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन भवन में काव्य चक्र के तहत काव्य संध्या का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता सम्मेलन के पूर्व सभापति डॉ रामकृष्ण ने की. इस दौरान डॉ आरएल वर्मा का 13वीं पुण्यतिथि पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2015 10:29 PM

एे भारत के सपूतों अपने जज्बा को न भूलो…गया जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन भवन में काव्य संध्या का आयोजनसंवाददाता, गयागया जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन भवन में काव्य चक्र के तहत काव्य संध्या का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता सम्मेलन के पूर्व सभापति डॉ रामकृष्ण ने की. इस दौरान डॉ आरएल वर्मा का 13वीं पुण्यतिथि पर डॉ अआरएल वर्मा स्मृति कल्याण न्यास की ओर से उपस्थित कवियों को डायरी व कलम देकर सम्मानित किया गया. सुरेंद्र सिंह सुरेंद्र, डॉ रामकृष्ण, प्रोफेसर अशोक कुमार, मऊ की पूर्व मुखिया मंजू कुमारी ने डॉ आरएल वर्मा के व्यक्तित्व की चर्चा की. काव्य संध्या का शुभारंभ चंद्रदेव प्रसाद केसरी ने देशभक्ति गीत से किया. उन्होंने कहा- एे भारत के सपूतों अपने जज्बा को न भूलो, हर कदम बढ़ाता जा, तुम आकाश को छू लो. सुधीर कुमार सिंह ने आज की व्यवस्था पर करारा व्यंग्य करते हुए कहा–किस रूप में नारायण मिलेंगे, किस रूप में नरहंता, आबरू अपनी आप संवारो, निश्चल निर्बल जनता. नंद किशोर सिंह व शिव प्रसाद सिंह (मुखिया) ने अपनी कविता दहेज पर पढ़ी. विषधर शंकर ने मगही गजल- जारे जारे जिनगी अन्हार भईया.. गायी. संजीत कुमार ने जीवन पथ कविता सुनायी. राजीव रंजन ने टूटे हौसले में कहा-जिससे टकरा तूफानों को भी बिखरते देखा था, पहली बार हवा के एक झोंकों में उसे भरभराते देखा है. खालिक हुसैन परदेसी ने गजल गायी-ये मुहब्बत के हैं दुश्मन, ये सजा ही देंगे. प्यार के बीच में दीवार उठा ही देंगे. अरुण हरलीवाल ने आम भाषा में दोहे पढ़े, कहा-सूरज का भी ठंड में ठंडा हुआ मिजाज. कंबल ताने देर तक सोया है वह आज, और पानी गिरता नाक से अति शाीतल परिवेश. नाती गाती बांध ले नानी का निर्देश. डॉ राकेश कुमार सिन्हा रवि ने डॉ आरएल वर्मा को अपनी काव्यांजलि दी. राजेंद्र राज, जयराम कुमार सत्यार्थी, डॉ आरके राजन ने भी अपनी कविता पढ़ी. इस अवसर पर डॉ उपेंद्रनाथ वर्मा, डॉ सुद्धांशु, उपेंद्र सिंह, विपिन बिहारी, उदय सिंह, विनोद, बिंदू सिंह, शैलेंद्र, जीवन ज्योति व आत्मा सहित बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे. काव्य संध्या का संचालन सुमंत ने किया.

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