रोजी-रोटी के लिए जा रहे परदेस

रोजी-रोटी के लिए जा रहे परदेस टनकुप्पा प्रखंड से मजदूरों का पलायन जारी, प्रशासन को जानकारी नहीं प्रखंड मनरेगा कार्यालय के अनुसार मात्र 900 लोगों का बना है जॉब कार्डप्रतिनिधि, टनकुप्पा रोजगार की तलाश में प्रखंड क्षेत्र के मजदूरों का पलायन जारी है. हर दिन टनकुप्पा स्टेशन व बस स्टैंड से ट्रेन व बस पकड़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2015 11:35 PM

रोजी-रोटी के लिए जा रहे परदेस टनकुप्पा प्रखंड से मजदूरों का पलायन जारी, प्रशासन को जानकारी नहीं प्रखंड मनरेगा कार्यालय के अनुसार मात्र 900 लोगों का बना है जॉब कार्डप्रतिनिधि, टनकुप्पा रोजगार की तलाश में प्रखंड क्षेत्र के मजदूरों का पलायन जारी है. हर दिन टनकुप्पा स्टेशन व बस स्टैंड से ट्रेन व बस पकड़ कर रोजगार मिलने की उम्मीद महानगरों के लिए मजदूर रवाना हो रहे हैं. इस कारण क्षेत्र में रोजगार के अवसरों का अभाव, सुखाड़ व मनरेगा के तहत काम नहीं मिलना प्रमुख है. मजदुरों का सबसे अधिक पलायन ईंट भट्ठों पर काम करने के लिए हो रहा है. सरकारी कार्यालय में मनरेगा के तहत रजिस्टर्ड मजदूरों को लंबे समय से रोजगार नहीं मिलने के कारण उनके सामने भूखे मरने की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. ऐसी स्थिति में मजदूर अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए रोजगार की तलाश में महानगरों के लिए पलायन करने लगे हैं. कुछ ऐसे मजदूर हैं, जो काम करने के लिए भट्ठा मालिकों से पहले ही पैसे ले रखे हैं. पैसा चुकता करने के लिए उन्हें काम करने के लिए पलायन करना मजबूरी है. क्षेत्र में ईंट भट्ठों पर मजदूरों को भेजनेवाले कई दलाल सक्रिय हैं, जो मजदूरों को ट्रेनों व रिजर्व वाहनों द्वारा प्रशासन से चोरी-छिपे भेजने में लगे हैं. जानकारी के अनुसार, पानी के अभाव में 50 प्रतिशत खरीफ फसल बरबाद हो चुकी है. भुखमरी की स्थिति को भांप कर मध्यमवर्गीय किसान रोजगार के लिए दिल्ली, मुंबई आदि महानगरों का रुख कर रहे हैं. मजदूरों के पलायन होने से कई गांव के टोलों में महादलित टोलों में सन्नाटा पसर गया है. घर में वृद्ध व महिलाएं ही देखने को मिल रह हैं. प्रशासन अब तक मजदूरों का पलायन रोकने में असफल रहा है. प्रखंड मनरेगा कार्यालय के अनुसार, अब तक टनकुप्पा प्रखंड में मात्र 900 मजदूरों का जॉब कार्ड बनाया गया है. मजदूरों के पलायन की जानकारी नहींमजदूरों के पलायन के मामले में बीडीओ मृतुंजय कुमार व मनरेगा पीओ बसंत कुमार ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. पता लगा कर मजदूरों का पलायन को रोकने का हर संभव प्रयास किया जायेगा.

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