संकट आया, तो अकेले पड़े मगध मेडिकल थानाध्यक्ष

गया : आप चाहे किसी भी प्रोफेशन से जुड़े हो, अगर आपके संबंध पास रहनेवाले लोगों से बेहतर नहीं हैं तो भविष्य में जब भी आप संकट में पड़ेंगे, उस समय आप अलग-थलग पड़ जायेंगे. पुलिस कस्टडी में हुई सुजीत की मौत के बाद थानाध्यक्ष बृजबिहारी पांडेय की यही स्थिति हो गयी है. रविवार की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 15, 2015 5:02 AM
गया : आप चाहे किसी भी प्रोफेशन से जुड़े हो, अगर आपके संबंध पास रहनेवाले लोगों से बेहतर नहीं हैं तो भविष्य में जब भी आप संकट में पड़ेंगे, उस समय आप अलग-थलग पड़ जायेंगे. पुलिस कस्टडी में हुई सुजीत की मौत के बाद थानाध्यक्ष बृजबिहारी पांडेय की यही स्थिति हो गयी है. रविवार की सुबह करीब सात बजते-बजते जिले के हर थाने की पुलिस को जानकारी मिल गयी थी कि मगध मेडिकल थाने की कस्टडी में एक युवक की मौत हो गयी है.
रविवार को थानाध्यक्ष पर हत्या की एफआइआर दर्ज करने के लिए थाना व अस्पताल परिसर में हंगामा हो रहा था. लेकिन, जिले का कोई भी थानाध्यक्ष या पुलिस पदाधिकारी मगध मेडिकल थानाध्यक्ष की मदद करने वहां नहीं पहुंचा और न ही किसी भी पुलिस पदाधिकारी ने इसकी सुध ली. रविवार को पूरे दिन इस घटना से थानाध्यक्ष खुद ही जूझते रहे.
वरीय अधिकारी होने के नाते सिर्फ डीएसपी (विधि-व्यवस्था) सतीश कुमार ही पहुंचे थे. अमूनन देखा जाता है कि शहरी इलाके में किसी प्रकार की घटना होने पर हर थानाध्यक्ष (कोतवाली, सिविल लाइंस, रामपुर, डेल्हा, विष्णुपद) 10 से 15 मिनट के अंदर वहां पहुंचे जाते हैं.
शेरघाटी इलाके में भी ऐसा ही होता है. जीटी रोड पर बड़ा हादसा हुआ, तो आमस, शेरघाटी, बाराचट्टी, डोभी, चेरकी व गुरुआ थानाध्यक्ष एक-दूसरे की मदद को पहुंच जाते हैं. लेकिन, रविवार को मगध मेडिकल थानाध्यक्ष जब सुजीत के परिजनों के आरोपों से घिरने लगे तो थानाध्यक्ष के बचाव पक्ष से बोलने के लिए वहां कोई पुलिस पदाधिकारी नहीं आया.
जिले का सबसे महत्वपूर्ण थाना है मगध मेडिकल: मगध मेडिकल थाना जिले का सबसे महत्वपूर्ण थाना है. सड़क हादसों या मारपीट के गंभीर मामलों में लोग मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भरती होते रहते हैं और उनका बयान दर्ज मगध मेडिकल थाने में ही होता है.
इन मामलों से संबंधित जानकारी जुटाने के लिए हर थानाध्यक्ष मगध मेडिकल थानाध्यक्ष से संपर्क करता है. सूत्रों के अनुसार, थानाध्यक्ष बृजबिहारी पांडेय का व्यवहार काफी रूखा रहता था. अपने व्यवहार के कारण श्री पांडेय शहर में रहते हुए भी अपने आप को शहरी इलाके का थानाध्यक्ष नहीं मानते थे और न ही शहरी थानाध्यक्षों व अासपास के थानाध्यक्षों से कुशल व्यवहार बना कर रखते थे.
अब रामपुर, चंदौती व सिविल लाइंस थाने में मची है गहमागहमी : पुलिस कस्टडी में पिटाई के बाद मौत के मामले से जिले के हर थाने की पुलिस सहम गयी है. सोमवार को हर पुलिस पदाधिकारी मगध मेडिकल थाने में हुई घटना की चर्चा करता रहा. इस घटना के बाद विशेष रूप से रामपुर, चंदौती व सिविल लाइंस थाने की पुलिस के बीच गहमागहमी बनी हुई है.
चर्चा है कि जिले के किसी भी इलाके से किसी कुख्यात अपराधी या नक्सली के पकड़े जाने के बाद इन्हीं तीन थानों में रखा जाता था. पुलिस कस्टडी में सुजीत की मौत के बाद अब इन तीनों थानों के पुलिस पदाधिकारियों के होश उड़ गये हैं.

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