गया: जिला प्रशासन के दबाव में डॉक्टरों ने तत्काल हड़ताल स्थगित कर दिया है. आगे की रणनीति तय करने के लिए पुन: आठ दिसंबर को आइएमए हॉल में बैठक बुलायी गयी है.
इस बीच जिला प्रशासन से संपर्क बनाये रखने के लिए आठ सदस्यीय कोर कमेटी का गठन भी किया गया है. ये सभी निर्णय बुधवार की शाम आइएमए हॉल में संपन्न भारतीय चिकित्सा संघ (आइएमए), बिहार चिकित्सा सेवा संघ (भासा), बिहार संविदा चिकित्सक संघ, बिहार डेंटल चिकित्सक संघ व कनीय चिकित्सक संघ की संयुक्त बैठक में लिये गये.
गौरतलब है कि गया शहर स्थित जयप्रकाश नारायण अस्पताल में 20 नवंबर की सुबह 45 वर्षीया केसरी देवी नामक मरीज की मौत के बाद अस्पताल रणक्षेत्र में तब्दील हो गया था. मरीज के परिजनों ने हंगामा, तोड़-फोड़ व स्वास्थ्यकर्मियों के साथ मारपीट की थी. इसमें नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ चंद्रशेखर प्रसाद, नर्स ललिता देवी, ड्रेसर भरत शर्मा, चतुर्थवर्गीय कर्मचारी अशोक कुमार यादव व ड्यूटी पर तैनात होमगार्ड शिवशंकर पंडित जख्मी हो गये थे. इस घटना के लिए मेयर विभा देवी, उनके पति इंद्रदेव यादव सहित अन्य एक दर्जन लोगों के विरुद्ध कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. पर, अब तक मेयर व उनके पति को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है.
इसके विरोध में रविवार को आइएमए हॉल में आयोजित भारतीय चिकित्सा संघ (आइएमए) व बिहार चिकित्सा सेवा संघ (भासा) की संयुक्त बैठक में 26 नवंबर को आक्रोश रैली करने व 28 नवंबर को स्वास्थ्य सेवाएं (सरकारी-गैरसरकारी) ठप रखने का निर्णय लिया गया था. निर्णय के अनुसार काफी असरदार आक्रोश रैली निकाली गयी. पर, जिला प्रशासन के दबाव में हड़ताल को स्थगित करना पड़ा. हालांकि, डॉक्टरों का दावा मानना है कि यह निर्णय जनहित में लिया गया है. इधर, प्रशासन से संपर्क बनाये रखने के लिए बनायी गयी आठ सदस्यीय कोर कमेटी में आइएमए, गया इकाई के अध्यक्ष डॉ शिवबचन सिंह, सचिव रामसेवक प्रसाद सिंह, लीगल सेल के चेयरमैन डॉ नसीम अहमद, भाषा जिला प्रवक्ता डॉ उमेश कुमार वर्मा, एएनएमएमसीएच शाखा के भासा सचिव डॉ पीके सिन्हा, डॉ राजेश कुमार सिंह, डॉ कुणाल आदि का नाम शामिल है. बैठक में कोर कमेटी के सदस्यों के अलावा डॉ यूएन भदानी, डॉ शारदानंद सिन्हा, डॉ आर कुमार, डॉ एएन रॉय, डॉ रामाधार तिवारी, डॉ वसीम जान आदि उपस्थित थे.