निलंबित इंस्पेक्टर हुए लापता !
निलंबित इंस्पेक्टर हुए लापता !फ्लैग — हिरासत में मौत. अावेदन स्वीकृत कराये बगैर छुट्टी पर चले गये बृज बिहारी पांडेयएसएसपी ने डीआइजी से कार्रवाई की अनुशंसा कीएसएसपी के स्पष्टीकरण का भी इंस्पेक्टर ने नहीं दिया जवाब वरीय संवाददाता, गयामगध मेडिकल थाना पुलिस की हिरासत में पलामू के युवक सुजीत सिंह की मौत के मामले में […]
निलंबित इंस्पेक्टर हुए लापता !फ्लैग — हिरासत में मौत. अावेदन स्वीकृत कराये बगैर छुट्टी पर चले गये बृज बिहारी पांडेयएसएसपी ने डीआइजी से कार्रवाई की अनुशंसा कीएसएसपी के स्पष्टीकरण का भी इंस्पेक्टर ने नहीं दिया जवाब वरीय संवाददाता, गयामगध मेडिकल थाना पुलिस की हिरासत में पलामू के युवक सुजीत सिंह की मौत के मामले में आरोपित बनाये गये इंस्पेक्टर बृज बिहारी पांडेय (मगध मेडिकल थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष, अब निलंबित) की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. पुलिस के वरीय अधिकारियों की नजरों में निलंबित इंस्पेक्टर अब लापता हो गये हैं. इस मामले में एसएसपी गरिमा मलिक ने निलंबित इंस्पेक्टर से गत 13 दिसंबर को स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन शुक्रवार तक उन्होंने जवाब नहीं दिया था. एसएसपी ने निलंबित इंस्पेक्टर की खोज-खबर ली, तो पता चला कि वह छुट्टी स्वीकृत कराये बगैर मुख्यालय से अनुपस्थित हैं. इनसे क्षुब्ध होकर एसएसपी ने निलंबित इंस्पेक्टर के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा मगध डीआइजी रत्न संजय से की है.एसएसपी ने बताया कि निलंबित इंस्पेक्टर बगैर आदेश लिये छुट्टी पर चले गये हैं. साथ ही, उन्होंने उनके स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिया है. इस कारण उनका क्रियाकलाप विभागीय नियमों के विपरीत है. इस मामले पर उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा डीआइजी से की गयी है. होमगार्डों को सेवामुक्त करने की अनुशंसा11 दिसंबर की रात सुजीत को पुलिस ने मगध मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भरती कराया था. इलाज के दौरान सुजीत की सुरक्षा व देखरेख की जिम्मेवारी होमगार्डों के पांच जवानों को दी गयी थी. परिजनों द्वारा अस्पताल में भरती सुजीत की पुलिसवालों द्वारा पिटाई किये जाने का आरोप लगाने के बाद अब होमगार्डों के जवानों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गयी है. एसएसपी ने होमगार्डों को सेवामुक्त करने के लिए डीआइजी को पत्र भेजा है. हो रही फूड प्वाइजनिंग का केस की तैयारी ! डॉक्टरों द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सुजीत की मौत के स्पष्ट कारणों का खुलासा नहीं किया गया है़ अब विसरा रिपोर्ट का इतंजार हैं. इधर, सुजीत के परिजनों का आरोप है कि जब उसकी मौत पुलिस की पिटाई से हुई है, ताे फिर विसरा रिपोर्ट का क्या मतलब बनाता है. अगर सुजीत की मौत खाने-पीने के सामान से हुई होती, तो न विसरा रिपोर्ट का इतंजार किया जाता. अब विसरा रिपोर्ट का इतंजार किये जाने का मतलब है कि सुजीत की मौत को डॉक्टर फूड प्वाइजनिंग का केस बनाना चाहते हैं.