गया: मगध प्रमंडल के क्षेत्रीय उप निदेशक, स्वास्थ्य (आरडीडीएच) डॉ राजेंद्र प्रसाद ने मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ सीताराम प्रसाद से एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है. मामला दिलचंद नामक मरीज के इलाज में टाल-मटोल का है. आरडीडीएच ने बताया कि प्रमंडलीय आयुक्त ने कार्रवाई का उन्हें निर्देश दिया है. अस्पताल अधीक्षक डॉ सीताराम प्रसाद से एक सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा गया है. सजर्री विभाग के डॉ एसके रंजन व ऑर्थो के विभागाध्यक्ष डॉ शिवेंद्र कुमार का स्पष्टीकरण जरूरी है.
गौरतलब है कि मोहनपुर थाने के कंचनपुर गांव के दिलचंद मांझी 11 केवीए बिजली के तार की चपेट में आकर घायलावस्था में 25 मार्च को एएनएमएमसीएच के सजर्री वार्ड में भरती हुए थे, लेकिन सजर्री व ऑर्थो डिपार्टमेंट के डॉक्टर एक-दूसरे पर जिम्मेवारी डाल कर पल्ला झाड़ने में लगे थे. इससे तंग आकर श्री मांझी के शुभचिंतक जितेंद्र कुमार सिंह ने प्रमंडलीय आयुक्त से शिकायत की थी. इस समस्या को ‘प्रभात खबर’ ने तीन अप्रैल के अंक में ‘अस्पताल में दो विभागों के बीच झूल रहा दिलचंद’ शीर्षक से प्रमुखता से उठाया था.
इसके बाद दिलचंद के हाथ का ऑपरेशन कर बेकार हो गयी हड्डी को काट कर अलग किया गया. वह अब भी ऑर्थो वार्ड के बरामदा-पांच नंबर बेड पर इलाजरत हैं. विभागाध्यक्ष डॉ शिवेंद्र कुमार के अनुसार, दिलचंद को कोई खतरा नहीं है. पूर्णरूपेण स्वस्थ होने में 15 दिन लगेंगे.