इसलाम में दहशतगर्दी की कोई जगह नहीं : सबाहउद्दीन

इसलाम में दहशतगर्दी की काेई जगह नहीं : सबाहउद्दीनफाेटाे-पैगंबर माेहम्मद जन्मदिन पर 24 दिसंबर को होगा जश्न ईद मिलादुनबीमुख्य संवाददाता, गयाइसलामी कैलेंडर की 12 तारीख यानी 24 दिसंबर काे आखिरी पैगंबर माेहम्मद की पैदाइशी (जन्मदिन) है. शहर के नवागढ़ी माेड़ स्थित एेतिहासिक खानकाह चिश्तिया माेनामिया में 24 दिसंबर काे सुबह आठ बजे से जश्न ईद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2015 10:13 PM

इसलाम में दहशतगर्दी की काेई जगह नहीं : सबाहउद्दीनफाेटाे-पैगंबर माेहम्मद जन्मदिन पर 24 दिसंबर को होगा जश्न ईद मिलादुनबीमुख्य संवाददाता, गयाइसलामी कैलेंडर की 12 तारीख यानी 24 दिसंबर काे आखिरी पैगंबर माेहम्मद की पैदाइशी (जन्मदिन) है. शहर के नवागढ़ी माेड़ स्थित एेतिहासिक खानकाह चिश्तिया माेनामिया में 24 दिसंबर काे सुबह आठ बजे से जश्न ईद मिलादुनबी व सुबह 10 बजे से मुए (बाल) मुबारक व दिगर तबर्रूकात (अवशेष) की जियारत (दीदार) भी हाेगी. दोपहर बाद दाे बजे से मजलिसे सिमा व आैरताें के लिए जियारत शरीफ हाेगी. इससे पहले बुधवार से 12वीं की रात तक लगातार सीरतुन्नबी (अल्लाह की जीवनी) हाेगी. यह जानकारी मंगलवार काे प्रेसवार्ता में खानकाह चिश्तिया माेनामिया में सज्जादानशीं खानकाह मोनामिया हजरत सैयद शाह माेहम्मद सबाहउद्दीन माेनामी ने ही. माेहम्मद सबाहउद्दीन ने कहा कि पैगंबर ने पूरी दुनिया काे इनसानियत का पैगाम दिया. इसलाम में दहशतगर्दी (आतंकवाद) की काेई जगह नहीं है. आज इसलाम के नाम पर दहशतगर्दी हाे रही है, जो बिल्कुल गलत है. उन्हाेंने कहा हम दहशतगर्दी के खिलाफ हैं. इसलाम में मासूमाें का कत्ल बिल्कुल हराम (मनाही) है. पहले लड़कियाें काे मार डाला जाता था, जिसे पैगंबर ने राेका. उन्हाेंने फरमाया कि बच्ची कलेजे का टुकड़ा है. इसे अपने से अलग मत कराे. पैंगबर ने आैरताें के अधिकार काे भी जताया. कहा, औरत को खिलाैना नहीं समझें. अगर महिलाएं बिजनेस करती हैं, ताे उसका मालिक भी वही हाेंगी. गुलामी व नस्लभेद पर भी पैगंबर ने करारा प्रहार किया. उन्होंने समाज के पिछड़े वर्ग काे इज्जत बख्शी. अजान दिलवाया. कानून काे सबसे ऊपर बताया व कानून में जीने की राह दिखलायी. मजलूमाें (गरीब, असहाय, निर्दाेष) काे मारने की सख्त मनाही की. वतन (मक्का) छाेड़ दिया, पर वतन से मुहब्बत करने की नसीहत दी. माेहम्मद सबाहउद्दीन ने कहा कि आज जैसी स्थिति बनती जा रही है, उससे हम तीसरे जंग-ए-अजीब की तरफ बढ़ रहे हैं. ऐसे में पैगंबर माेहम्मद के पैगाम पर अमल करना जरूरी है, ताकि इससे बचा जा सके. उन्हाेंने फरमाया है दूसराें की मदद करें. किसी का दिल न दुखायें. जरूरतमंदाें काे भाेजन व वस्त्र दाे. अपने पड़ाेसी की मदद कराे. माेहम्मद सबाहउद्दीन कहा कि नवागढ़ी स्थित खानकाह चिश्तिया माेनामिया में अजमेर शरीफ की तरह खिरका है. यहां पैगंबर साहब व उनके नवासे साहब के बाल (केस) है. ख्वाजा गरीब नवाज (दिल्ली) की टाेपी व गाैथे पाक का तकिया कलाम का टुकड़ा भी है. यह खानकाह ऐतिहासिक है. इस माैके पर सैयद शाह जावेद असगर, सैयद शाह हाफिज अता फैजल आदि माैजूद थे.

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