भारतीय अर्थव्यवस्था पर चिंतन की जरूरत : डॉ इसलाम

भारतीय अर्थव्यवस्था पर चिंतन की जरूरत : डॉ इसलामफोटो – सिटी 02, 03, 04, 05, 06, 07, 08, 09 कहा-अर्थव्यवस्था में सुधार लाने में युवा वर्ग निभा सकते हैं अहम भूमिकागया कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग में डेमोग्राफी डिविडेंड विषय पर सेमिनारसंवाददाता, गयाभारतीय अर्थव्यवस्था पर चिंतन की जरूरत है. यहां की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2015 10:13 PM

भारतीय अर्थव्यवस्था पर चिंतन की जरूरत : डॉ इसलामफोटो – सिटी 02, 03, 04, 05, 06, 07, 08, 09 कहा-अर्थव्यवस्था में सुधार लाने में युवा वर्ग निभा सकते हैं अहम भूमिकागया कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग में डेमोग्राफी डिविडेंड विषय पर सेमिनारसंवाददाता, गयाभारतीय अर्थव्यवस्था पर चिंतन की जरूरत है. यहां की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने में युवा वर्ग अहम भूमिका अदा कर सकते हैं. जनकीकीय लाभांश को सही तरीके से भुना कर भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी सुदृढ़ बनाया जा सकता है. ये बातें गया कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग में ‘डेमोग्राफी डिविडेंड’ विषय पर आयोजित सेमिनार का उद्घाटन करने के बाद मंगलवार को प्राचार्य डॉ एमएस इसलाम ने कहीं. डॉ इसलाम ने कहा कि बिहारी बच्चे बाहर में बिहारी कहलाना हीनता समझते हैं, जबकि भारत के विकास को रफ्तार पकड़ाने में बिहारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है. देश में पहले की तरह जमींदारी प्रथा नहीं है. आज शिक्षा पर किसी का एकाधिकार नहीं है. किसी भी वर्ग के लोग अपने हुनर व लगन के बल पर किसी भी मुकाम को हासिल सकते हैं. सिर्फ उन्हें उचित मार्गदर्शन की जरूरत होती है. डॉ इसलाम ने कॉलेज के अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष को निरंतर सेमिनार का आयोजन करने के लिए बधाई दी व अन्य विभागाध्यक्षों को इससे सीख लेने की बात कही. सेमिनार में मगध विश्वविद्यालय के राजनीतिक शास्त्र के प्राध्यापक डॉ मो एहतेशाम खान ने कहा कि आबादी से भी देश को लाभांश की प्राप्ति होती है. जब देश में युवाओं के सुनहरे भविष्य के लिए सोचा जायेगा, तब ही जनसंख्या से लाभांश की कामना की जा सकती है. इस मौके पर अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ अश्विन कुमार, इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ उमेश प्रसाद, समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ दीपक कुमार, डॉ जीएन शर्मा, डॉ महेश्वरी प्रसाद यादव, डॉ रामविलास सिंह, डॉ अजीत कुमार व डॉ कुमारी प्रियंका मौजूद रहे. कृषि में आधुनिकता लायी आयेकृषि प्रधान देश में खेती में आधुनिकता लाकर ही हम समृद्ध व विकसित भारत की परिकल्पना कर सकते हैं. यहां की ज्यादातर आबादी के आय का स्रोत खेती पर निर्भर है. जनसंख्या लाभांश का फायदा भारत के किसान को विकसित बना कर ही मिल सकता है. सूरज राउतदेश आबादी में कामकाजी व्यक्तियों का अनुपात ज्यादा है. इनका सहयोग प्राप्त कर देश अात्मनिर्भर बन सकता है. सबसे अच्छी बात यह है कि 0-6 वर्ष के बच्चों की संख्या में कमी आयी है. यह कमी का अनुपात गरीब राज्यों में सर्वाधिक है. बच्चों की संख्या में कमी आने के बाद ही जनसंख्यिकी लाभांश की प्राप्ति होती है.संजय कुमारघरेलू उत्पाद में बढ़ोत्तरी का मुख्य कारण हमारे देश में जनसंख्यकीय लाभांश का योगदान रहा है. इससे अधिक लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलते हैं. इसकी बदौलत देश में आर्थिक सुधार लाने के बेहतर मौके भी मिलते हैं. अंजना रायविदेशों में शिक्षा व स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है. देश का युवा वर्ग विदेशों में मिलनेवाली सुविधाएं देखकर वहां जाने के लिए ललायित रहता है. अगर ये सुविधाएं अपने देश में मिले, तो बाहर जानेवाले लोग अपने हुनर का प्रयोग भारत के लिए करेंगे. इसे देश को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग मिलेगा.विभा कुमारी भारतीय अर्थव्यवस्था के सुधार में मील का पत्थर साबित होगा जनसंख्यकीय लाभांश. सिर्फ इसे सही तरीके को अपना कर भुनाने की जररूत है, तभी देश विकसित होगा. भव्या कुमारीआज भारत व विश्व के सभी देशों में डेमोग्राफी डिविडेंड बहुत ही प्रचलित हो गयी है. इसके आधार पर किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया जा सकता है.आशीष नंदन\\\\B

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