घर-आंगन में लौटे खुशहाल, यही कामना – एसएसपी की खबर की जोड़

घर-अांगन में लौटे खुशहाल, यही कामना – एसएसपी की खबर की जोड़ संवाददाता, बोधगयानक्सलग्रस्त इलाकों की छात्राओं ने बोधगया भ्रमण को सुखद बताते हुए कहा कि उनके गांवों के आसपास भी ऐसा ही माहौल होना चाहिए. घर-आंगन में खुशहाली हो, लोग अमन-चैन से रहें. शुक्रवार को गया पुलिस की तरफ से आयोजित शांति मार्च में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2015 10:21 PM

घर-अांगन में लौटे खुशहाल, यही कामना – एसएसपी की खबर की जोड़ संवाददाता, बोधगयानक्सलग्रस्त इलाकों की छात्राओं ने बोधगया भ्रमण को सुखद बताते हुए कहा कि उनके गांवों के आसपास भी ऐसा ही माहौल होना चाहिए. घर-आंगन में खुशहाली हो, लोग अमन-चैन से रहें. शुक्रवार को गया पुलिस की तरफ से आयोजित शांति मार्च में शामिल होने आयीं छात्राओं ने बड़े ही भावुक अंदाज में नक्सली गतिविधियों को गलत बताया और क्षेत्र में शांति बहाली की अपील की. गांवों में पुलिस के आने के बाद डर बन जाता है. हर कोई अपने घरों में बंद हो जाता है. ऐसा नहीं होना चाहिए. शांति के साथ सभी को रहना चाहिए.पुनिया कुमारी, कक्षा आठ, कस्तूरबा गांधी विद्यालय, बाराचट्टी — फोटो नक्सलियों को पकड़ने के लिए पुलिस की गश्ती होती रहती है. इससे हमेशा भय बना रहता है. हमलोग भी शांति के साथ रहना चाहते हैं. अब स्कूल में रहते हैं. पढ़ाई कर अफसर बनाना चाहती हूं. तबस्सुम परवीन, कक्षा आठ, कस्तूरबा गांधी विद्यालय, बाराचट्टी –फोटोनक्सलग्रस्त क्षेत्र के गांवों से बच्चियों को लाकर स्कूल में रखती हूं. उन्हें पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ खेलकूद आदि गतिविधियों में भी शामिल कराती हूं. बच्चों के माध्यम से कभी-कभी जागरूकता अभियान भी चलाती हूं. शीला प्रसाद श्याम, वार्डेन, कस्तूरबा गांधी विद्यालय, बाराचट्टी–फोटोबोधगया में शांति प्रार्थना करने आयी हूं. यहां से शांति की कामना कर वापस लौटने पर अन्य लोगों को भी ऐसा करने के लिए कहुंगी. गांव में किसी का डर नहीं रहे, मैं इसकी प्रार्थना करती हूं.शाेभा कुमारी, कक्षा सात, कस्तूरबा गांधी विद्यालय, डुमरिया–फोटोक्षेत्र में शांति स्थापित करने की कामना करने आयी हूं. इसके लिए एसएसपी मैडम ने अच्छी-अच्छी बातें कहीं. मन लगा कर पढ़ना है व कलम के दम पर क्षेत्र में विकास करना है.सोनी कुमारी, कक्षा आठ, कस्तूरबा विद्यालय, डुमरिया — फोटोदूर-दराज के गांवों से असमर्थ परिवारों की बच्चियों को कस्तूरबा विद्यालय में रखने का काम करती हूं. इन्हें बेहतर शिक्षा देने का प्रयास के साथ-साथ इन्हें क्षेत्र में शांति दूत के रूप में भी तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है. अनुराधा सिंह, वार्डेन, कस्तुरबा गांधी विद्यालय, डुमरिया — फोटो\\\\B

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