साथ ही, सभी कर्मचारियों काे जनवरी 2015 से दिसंबर तक का वेतन भुगतान करने पर भी फैसला लिया गया. यह भी कहा गया कि कॉलेज में नामांकन की अनुमति व इसकी स्थिति में सुधार आने पर बकाया वेतन व नये वेतनमान पर निर्णय लिया जायेगा. बैठक में प्राचार्य को यह भी निर्देश दिया गया कि जो भी कर्मचारी कॉलेज से वेतन ले रहे हैं, उनसे वह पद के अनुसार कार्य लें. अगली बैठक में नामांकन शुल्क का निर्धारण करने का भी निर्णय लिया जायेगा. फिलहाल कॉलेज में भवन की मरम्मत व चहारदीवारी बनाने का कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है. इसके अलावा कॉलेज में शिक्षकों की बहाली के लिए अखबार में विज्ञापन भी जारी किया गया है.
शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को वेतन भी मिलना बंद हो गया. 139 महीनों (करीब साढ़े 11 साल) से यहां के शिक्षक व कर्मचारियों का वेतन बंद हैं. अब इनके सामने भुखमरी की स्थिति अा गयी है. फिलहाल कॉलेज में 28 शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी पदस्थापित हैं. सीसीआइएम के अनुसार, कॉलेज में 28 शिक्षक होना अनिवार्य है, लेकिन महज छह शिक्षक ही हैं. बीच में कई विभागों में शिक्षकों की बहाली की गयी, लेकिन सीसीआइएम ने उन्हें शिक्षक मानने से इंकार कर दिया. हालांकि, इन बहाल शिक्षकों से कॉलेज प्रशासन निरंतर शिक्षण कार्य कराती रही. अब इस पर संशय हो गया है कि नये प्राध्यापकों की बहाली के बाद इन बहाल शिक्षकों का क्या होगा.