नहीं टूटती नींद, तो जिंदा जल जाता ड्राइवर

नहीं टूटती नींद, तो जिंदा जल जाता ड्राइवरऔरंगाबाद जिले के पौथू थाने के अंझा के रहनेवाले हैं प्रमोद सिंहकेबिन से बाहर कूद कर बचायी जान फोटो-वरीय संवाददाता, गयापटना-डोभी फोरलेन के निर्माण कार्य में जुटी एजेंसी से लेवी की मांग को लेकर नक्सली संगठन के सदस्यों ने रविवार की रात मगध विश्वविद्यालय थाने के पावरग्रिड व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2015 11:05 PM

नहीं टूटती नींद, तो जिंदा जल जाता ड्राइवरऔरंगाबाद जिले के पौथू थाने के अंझा के रहनेवाले हैं प्रमोद सिंहकेबिन से बाहर कूद कर बचायी जान फोटो-वरीय संवाददाता, गयापटना-डोभी फोरलेन के निर्माण कार्य में जुटी एजेंसी से लेवी की मांग को लेकर नक्सली संगठन के सदस्यों ने रविवार की रात मगध विश्वविद्यालय थाने के पावरग्रिड व मटिहानी के बीच सड़क किनारे खड़े हाइवा में आग लगा दी थी. लेकिन, यह महज संयोग था कि हाइवा के केबिन में साेये औरंगाबाद जिले के पौथू थाने के अंझा के रहनेवाले ड्राइवर प्रमोद सिंह की नींद टूट गयी और केबिन से बाहर कूद कर अपनी जान बचायी. थोड़ी देर हो जाती, तो वह आग में जिंदा ही जल जाता. ड्राइवर ने बताया कि हाइवा गया जिले के मुफस्सिल थाने के अमरी के रहनेवाले जयजीत सिंह की है. उनके दो हाइवा पटना-डोभी फोरलेन के निर्माण में लगे हैं. हाइवा से मिट्टी ढोने को काम किया जा रहा था. प्रतिदिन काम कर सड़क किनारे हाइवा लगा दिया जाता था. उन्होंने बताया कि हाइवा में किसने आग लगायी, यह तो उन्होंने नहीं देखा. लेकिन, जिस वक्त हाइवा में आग लगायी गयी थी, उस वक्त वह केबिन में सो रहे थे. जब हाइवा का इंजन लगने लगा और उसका धुंआ केबिन में भरा, तो उनकी सांस घुटने लगी. अगर थोड़ी देर और हो जाती, तो वह हाइवा में जिंदा ही जल जाते. उन्होंने बताया कि जब वह बाहर कूदे, तो देखा तीन-चार आदमी दक्षिण दिशा की ओर भाग रहे थे. पास स्थित होटल में रखे पानी से आग को बुझाने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. केबिन व इंजन पूरा जल गया.बिना बॉडीगार्ड के ही देर रात घटनास्थल पर पहुंचे सिटी एसपीऔरंगाबाद के प्रभारी एसपी सह गया के सिटी एसपी रविरंजन कुमार रविवार की शाम औरंगाबाद इलाके में भ्रमण कर लौटे थे. इस कारण उनके बॉडीगार्ड अपने-अपने ठिकाने पर आराम करने चले गये. इसी बीच देर रात मगध विश्वविद्यालय थाना इलाके में हाइवा में आग लगा देने की सूचना मिलते ही सिटी एसपी आवास से निकले. लेकिन, उन्होंने सिर्फ अपने ड्राइवर को देखा. आसपास बॉडीगार्ड नजर नहीं आये. सिटी एसपी बगैर बॉडीगार्ड लिये आवास से घटनास्थल के लिए निकल गये. बाद में बॉडीगार्डों को सूचना मिली, तो वे घटनास्थल पर पहुंचे.

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