स्वास्थ्य कार्यक्रम में आधी आबादी अहम : डीआइओ

स्वास्थ्य कार्यक्रम में आधी आबादी अहम : डीआइओ ‘मातृत्व-नवजात शिशु स्वास्थ्य व पोषण प्रोजेक्ट’ के चार साल पूरे होने पर हुई कार्यशाला फोटो–संवाददाता, गयाअग्रगामी इंडिया व सेव द चिल्ड्रेन्स के बैनर तले संचालित ‘मातृत्व-नवजात शिशु स्वास्थ्य व पोषण प्रोजेक्ट’ के चार साल पूरे होने पर बुधवार को होटल गर्व रेसिडेंसिया में आयोजित कार्यशाला को संबोधित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2015 11:38 PM

स्वास्थ्य कार्यक्रम में आधी आबादी अहम : डीआइओ ‘मातृत्व-नवजात शिशु स्वास्थ्य व पोषण प्रोजेक्ट’ के चार साल पूरे होने पर हुई कार्यशाला फोटो–संवाददाता, गयाअग्रगामी इंडिया व सेव द चिल्ड्रेन्स के बैनर तले संचालित ‘मातृत्व-नवजात शिशु स्वास्थ्य व पोषण प्रोजेक्ट’ के चार साल पूरे होने पर बुधवार को होटल गर्व रेसिडेंसिया में आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिाकरी (डीआइओ) डॉ सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि आधी आबादी (महिलाओं) के सहयोग के बगैर स्वास्थ्य विभाग के किसी कार्य को सफल बनाने की कल्पना तक नहीं की जा सकती. उनके प्रतिनिधित्व से ही इस प्रोजेक्ट को सफलता मिली है. यह स्वास्थ्य विभाग के लिए भी अनुकरणीय है. इस तरह के प्रोजेक्ट को पूरे जिले में चलाने की जरूरत है. क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक पीयूष रंजन ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के तहत स्वास्थ्य सेवाओं की मांग बढ़ी है. सुरक्षित प्रसव, पूर्ण प्रतिरक्षण व पोषण सेवाओं में बेहतर उपलब्धि मिली है. सेव द चिल्ड्रेन के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आसीम मंडल ने कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं. बावजूद राज्य में एक हजार नवजात में 42 की मौत हो जाती है. यह अब भी चुनौती है. सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूकता व जवाबदेही तय कर के ही इस पर रोक लगाया जा सकता है. अग्रगामी इंडिया के कार्यक्रम प्रबंधक अजय कुमार ने प्रोजेक्ट की आवश्यकता, कार्य प्रणाली (गतिविधियां) व उपलब्धियाें पर विस्तार से चर्चा की. राज्य अनुश्रवण व मूल्यांकन पदाधिकारी ने 2013 को बेसलाइन बना कर 2015 तक की उपलब्धियों को गिनाया. इसमें गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण 35 प्रतिशत से बढ़ कर 49 प्रतिशत, प्रसव के 48 घंटे के अंदर स्तनपान 21 से 82, संपूर्ण टीकाकरण 28 से 61 फीसदी होना प्रमुख है.

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