विचार गोष्ठी में असहष्णिुता पर टप्पिणी
विचार गाेष्ठी में असहिष्णुता पर टिप्पणीकरसिल्ली मुहल्ले में प्रगतिशील लेखक संघ की विचार सह रचना गाेष्ठी का आयोजनगया. प्रगतिशील लेखक संघ की गया जिला इकाई के तत्वावधान में गुरुवार काे करसिल्ली मुहल्ले में गुरुवार को विचार सह रचना गाेष्ठी का आयाेजन किया गया. विचार गाेष्ठी में वक्ताओं ने असहिष्णुता पर कड़ी टिप्पणी की. गोष्ठी में […]
विचार गाेष्ठी में असहिष्णुता पर टिप्पणीकरसिल्ली मुहल्ले में प्रगतिशील लेखक संघ की विचार सह रचना गाेष्ठी का आयोजनगया. प्रगतिशील लेखक संघ की गया जिला इकाई के तत्वावधान में गुरुवार काे करसिल्ली मुहल्ले में गुरुवार को विचार सह रचना गाेष्ठी का आयाेजन किया गया. विचार गाेष्ठी में वक्ताओं ने असहिष्णुता पर कड़ी टिप्पणी की. गोष्ठी में वक्ताआें ने कहा कि साेची-समझी राजनीति के तहत फासीवादी ताकताें ने नये ढंग से धर्म, इतिहास व साहित्य की व्याख्या शुरू की है. वैज्ञानिक दृष्टिकाेण वाले चिंतकाें, विचारकाें व लेखकाें की लगातार हत्याएं हाे रही हैं. गाेष्ठी में वर्ष 2015 में दिवंगत हुए कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण, गाेविंद पानसारे, प्राेफेसर एमएन कुलकर्णी, डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम, विनाेद मेहता, डॉ महीप सिंह, सईद जाफरी, रामाशंकर यादव, रवींद्र जैन, वीरेन डंगवाल, अभय साधना व बालकृष्ण शाैरी काे श्रद्धांजलि दी गयी. वहीं, रचना गाेष्ठी में अरुण कुमार ने कहा, ‘मैं चाहता हूं उड़ना क्षितिज की आेर मेरे पर नहीं हैं…’ इसके अलावा अन्य लोगों ने भी अपनी रचनाएं सुनायीं. गोष्ठी को कृष्ण कुमार, सचिव परमाणु कुमार, संयुक्त सचिव अजय कुमार व उपसचिव प्रभात रंजन आदि ने संबाेधित किया. गाेष्ठी की अध्यक्षता कृष्ण कुमार ने की.