गया: शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा ने बुधवार को बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय, गया कॉलेज, अनुग्रह कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय, जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान और डीइओ कार्यालय के आधारभूत संरचना का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय का विस्तार करने के लिए जगह मुहैया कराने का निर्देश डीएम बालामुरुगन डी को दिया, ताकि एम फिल व पीएचडी की पढ़ाई शुरू की जा सके.
इसी प्रकार गया कॉलेज में एक परीक्षा हॉल बनाने व पूर्व से निर्मित एकता भवन को आधुनिकीकरण करने की सहमति दी गयी. अनुग्रह कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय के अनुशासन व शिक्षण व्यवस्था की सराहना करते हुए स्थिति यथावत बनाये रखने की नसीहत दी.
प्रधान सचिव श्री सिन्हा सबसे पहले बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय पहुंचे. यहां एम फिल व पीएचडी की पढ़ाई शुरू की जानी है. अब तक चार प्रकार के इंटीग्रेडेड कोर्स चालू हैं. इसमें बीए-बीएड, बीएससी-बीए, बीए-एलएलबी व बीएससी-एलएलबी शामिल है. इसके अलावा हिंदी, अंगरेजी, समाज शास्त्र व राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पहले से ही हो रही है. ऐसे में एम फिल व पी-एचडी के लिए पर्याप्त जगह की आवश्यकता है. प्रोक्टर कमलानंद झा व प्रभारी प्रधानाध्यापक डॉ आलोक कुमार गुप्ता ने इसके लिए प्रधान सचिव से अनुरोध किया था. उन्होंने स्थल निरीक्षण के बाद हर संभव सहयोग करने का निर्देश डीएम को दिया, ताकि विश्वविद्यालय का विस्तार किया जा सके.
इसके बाद प्रधान सचिव गया कॉलेज पहुंचे. वहां लाइब्रेरी, आइटी भवन व प्रयोगशाला आदि को देखा. उपलब्ध संसाधनों को देख कर कहा कि इसे ऑटोनोमस यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलनी चाहिए. उन्होंने तत्काल एक परीक्षा हॉल बनाने व पूर्व से निर्मित एकता भवन को आधुनिकीकरण करने की सहमति दी. अनुग्रह कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय में पहुंच कर प्रयोगशाला, क्लास रूम, इंटरनेट कनेक्टविटी की जांच की. साथ ही सरकार की ओर दी जाने वाली योजनाओं की जानकारी छात्रओं से ली. प्रधान सचिव व डीएम ने स्कूल के अनुशासन की प्रशंसा की. इसके बाद पंचायती अखाड़ा स्थित जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान के आधारभूत संसाधनों का जायजा लिया. अंत में डीइओ के कार्यालय में पहुंच कर औपचारिक बैठक की. इस दौरान सर्किट हाउस में पहुंचने पर प्रारंभिक शिक्षकों ने उनसे प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति से संबंधित आवेदन सौंपा व अपनी बातों से अवगत कराया. प्रधान सचिव ने उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया.