ट्रेन से आंध्र प्रदेश भेजा जा रहा अपना धान
दूसरे प्रदेशों से मिलर व कंपनियों के प्रतिनिधि स्थानीय व्यापारियों से खरीद रहे धान मानपुर : कम बारिश के बावजूद मगध क्षेत्र के किसानों ने कड़ी मेहनत कर धान उपजाया, लेकिन सरकारी पेच के कारण अब धान की खरीद शुरू नहीं हो सकी है. थक-हार कर किसान औने-पौने दाम पर स्थानीय व बाहरी व्यापारियों को […]
दूसरे प्रदेशों से मिलर व कंपनियों के प्रतिनिधि स्थानीय व्यापारियों से खरीद रहे धान
मानपुर : कम बारिश के बावजूद मगध क्षेत्र के किसानों ने कड़ी मेहनत कर धान उपजाया, लेकिन सरकारी पेच के कारण अब धान की खरीद शुरू नहीं हो सकी है. थक-हार कर किसान औने-पौने दाम पर स्थानीय व बाहरी व्यापारियों को धान बेचने के लिए मजबूर हैं. मानपुर क्षेत्र के किसानों का धान अब बिहार के अन्य जिलों के अलावा दूसरे राज्यों में भेजा जा रहा है. शायद यह पहली बार हो रहा है कि मानपुर के व्यापारी ट्रेन से धान दूसरे प्रदेशों में भेज रहे हैं. बुधवार को भी शहीद ईश्वर चौधरी हॉल्ट के पास मालगाड़ी में धान लोड करने के लिए ट्रकों की लाइन लगी थी. पूछने पर पता चला कि धान आंध्र प्रदेश भेजा जा रहा है.
व्यापारी राजेश प्रसाद गुप्ता ने बताया कि गया, जहानाबाद, औरंगाबाद, नवादा, अरवल व नालंदा जिले के किसानों व दुकानदारों से धान खरीद कर ट्रेन द्वारा आंध्र प्रदेश के मिलरों व कंपनियों के पास भेजने की तैयारी चल रही है. क्वालिटी के अनुसार धान 1400 से 1500 रुपये प्रति क्विंटल खरीदा गया है. ट्रेन से कम समय पर काफी मात्रा में धान गंतव्य स्थान पहुंच जायेगा. ट्रकों के मुकाबले भाड़ा भी कम लगेगा. कंपनी के पदाधिकारी मानपुर आकर जांच के बाद धान की खरीद कर रहे हैं. इससे बाद में उन्हें कोई शिकायत का मौका नहीं मिलेगा. ये कंपनियां धान से चावल निकाल उसे विदेशों में निर्यात करते हैं.
मजबूरी में बेच रहे धान
लालदेव महतो आदि किसानों ने बताया कि सरकारी स्तर पर धान की खरीद होती, तो किसानों को समान्य क्वालिटी वाले एक क्विंटल धान के लिए 1710 रुपये (समर्थन मूल्य 1410 रुपये व बोनस 300 रुपये) मिलते. लेकिन, सरकार द्वारा धान नहीं खरीदे जाने पर गया, जहानाबाद, औरंगाबाद व नवादा जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्राें में दुकानदार व व्यापारी सोनम, दामनी व रुपाली आदि किस्मों के धान 1400 सौ रुपये खरीद रहे हैं. वहीं, मंसूरी व सीता आदि किस्मों के धान 1000 रुपये में बेच रहे हैं.