Bodh Gaya: महाबोधि मंदिर परिसर में रविवार को बोधिवृक्ष की छांव तले विभिन्न देशों के 700 भिक्षु व भिक्षुणियों को चीवरदान किया गया. थाइलैंड के श्रद्धालुओं द्वारा स्पाॅन्सर किये गये चीवरदान के बाद सभी को संघदान यानी भोजन भी कराया गया. इसके पहले सभी ने मंदिर के गर्भगृह में तथागत बुद्ध की पूजा की और पवित्र बोधि वृक्ष की छांव में एकत्रित होकर विश्व शांति के लिए बुद्ध से प्रार्थना की. इसके बाद बीटीएमसी सचिव डॉ. महाश्वेता महारथी ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया और चीवरदान के महत्व को रेखांकित किया.
चीवरदान के बाद कराया गया संघदान
महाबोधि मंदिर के मुख्य भिक्षु इंचार्ज भिक्खु चालिंदा, केयर टेकर भिक्खु डॉ. दीनानंद एवं अन्य भिक्षुओं को थाईलैंड के श्रद्धालुओं द्वारा वस्त्र प्रदान किया गया तथा बाद में सभी भिक्षुओं को चीवर एवं नकद राशि दान की गई. कार्यक्रम के समापन के बाद बीटीएमसी कार्यालय परिसर में सभी को संघदान कराया गया.
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एक साल तक चीवर धारण करते हैं बौद्ध भिक्षु
गौरतलब है कि बौद्ध परंपरा के अनुसार बौद्ध भिक्षु वर्षा ऋतु में अपने-अपने बौद्ध मठों में रहकर पूजा-अर्चना व साधना के साथ टीचिंग का कार्य किया करते हैं. इसके बाद आश्विन पूर्णिमा के बाद उनका वर्षा ऋतु प्रवास समाप्त होता है. तब बौद्ध श्रद्धालु भिक्षु-भिक्षुणियों को वस्त्र यानि चीवर दान करते हैं, जिसे बौद्ध भिक्षु पूरे एक वर्ष तक धारण करते हैं. बोधगया स्थित कई अन्य कई बौद्ध मठों में भी इस परंपरा का पालन किया जाता है. इसके बाद बौद्ध संगठन विश्व शांति के लिए महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना भी शुरू कर देंगे.