1,136 मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापक नहीं

स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों ने प्रोन्नति के लिए डीइओ कार्यालय के परिसर में दिया धरना गया : जिले के करीब 900 स्नातक शिक्षक मध्य विद्यालय का प्रधानाध्यापक बनने की अर्हता रखते हैं. प्रधानाध्यापक का जिले में 1,440 पद स्वीकृत है. इनमें केवल चार ही प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं. बाकी 1,136 पद रिक्त हैं. बावजूद प्रधानाध्यापक बनने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2016 8:37 AM
स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों ने प्रोन्नति के लिए डीइओ कार्यालय के परिसर में दिया धरना
गया : जिले के करीब 900 स्नातक शिक्षक मध्य विद्यालय का प्रधानाध्यापक बनने की अर्हता रखते हैं. प्रधानाध्यापक का जिले में 1,440 पद स्वीकृत है. इनमें केवल चार ही प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं. बाकी 1,136 पद रिक्त हैं. बावजूद प्रधानाध्यापक बनने के लिए शिक्षक आंदोलन करने को मजबूर हैं. इस आंदोलन के तहत स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षकों ने सोमवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय के सामने धरना दिया. जिला शिक्षा पदाधिकारी ठाकुर मनोरंजन प्रसाद अपने चैंबर में बैठ कर धरनार्थी शिक्षकों की बातें सुनते रहे, लेकिन शिक्षकों को आश्वासन तक देना मुनासिब नहीं समझा. अंत में बाध्य होकर शिक्षकों का एक शिष्टमंडल उनसे मिल कर पांच सूत्री मांग से संबंधित स्मार पत्र सौंपा.
धरने की अध्यक्षता करते हुए संघ के जिलाध्यक्ष उमेश प्रसाद सिंह ने कहा कि चार मध्य विद्यालयों को छोड़ कर अन्य सभी 1,136 में प्रधानाध्यापक का पद रिक्त हैं. जून-2010 में स्नातक प्रशिक्षित पद पर प्रोन्नत 734 शिक्षकों में ज्यादातर सेवानिवृत्त हो गये, लेकिन उन्हें प्रधानाध्यापक नहीं बनाया गया. पुन: दिसंबर-2012 में 600 से अधिक शिक्षकों को स्नातक प्रशिक्षित पद पर प्रोन्नत किया गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी से लगातार प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नत करने की मांग की जाती रही है. लेकिन, अब तक नहीं किया जा सका है. जबकि, अन्य जिलों में इसी बैच के शिक्षक कब का प्रधानाध्यापक बनाये जा चुके हैं.
ऐसा नहीं है कि प्रधानाध्यापक के पद रिक्त नहीं हैं. प्रधानाध्यापक 1,136 पद रिक्त हैं आैर प्रधानाध्यापक बनने की अर्हता रखने वाले शिक्षकों की संख्या केवल 900 हैं. उन्होंने बताया कि शिक्षकों को नियमित रूप से वेतन भुगतान कभी नहीं किया जाता है.
उत्क्रमित मध्य विद्यालयों में पदस्थापित शिक्षकों का वेतन भुगतान कोषागार के माध्यम से सुनिश्चत किया जाये. सभी कोटि के शिक्षकों को वरीय व प्रवरण वेतनमान में प्रोन्नति दी जाये. रने को कृष्णकांत नारायण सिंह, अनिल कुमार, सिद्धार्थ कुमार व लखन प्रसाद समेत बड़ी संख्या में शिक्षकों ने संबोधित किया.

Next Article

Exit mobile version