बुद्ध की धरती पर सूफी का सुर

बुद्ध की धरती पर सूफी का सुर हिंदी व सूफी गानों के गायक जावेद अली की गायकी के मुरीद हुए लोग देर रात तक चलता रहा जश्न-ए-बहारा संवाददाता, बाेधगयाकालचक्र मैदान में रविवार की रात बाैद्ध महाेत्सव के पहले दिन हिंदी व सूफी गानों के गायक जावेद अली की गायकी के लोग मुरीद हो गये. जावेद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2016 10:55 PM

बुद्ध की धरती पर सूफी का सुर हिंदी व सूफी गानों के गायक जावेद अली की गायकी के मुरीद हुए लोग देर रात तक चलता रहा जश्न-ए-बहारा संवाददाता, बाेधगयाकालचक्र मैदान में रविवार की रात बाैद्ध महाेत्सव के पहले दिन हिंदी व सूफी गानों के गायक जावेद अली की गायकी के लोग मुरीद हो गये. जावेद अली ने जैसे ही अनवर फिल्म का गाना ‘माैला मेरे माैला…’ शुरू किया, माहौल सूफियाना हो गया. इसके बाद तो नगमों-तरानों का दौर शुरू हुआ. फिल्म जोधा अकबर का गाना ‘कहने को जश्न बहारा है…’ से शुरू हुआ जश्न का दौर थमने का नाम ही नहीं ले रहा था. बजरंगी भाईजान का गाना ‘तू जाे मिला, आसां हुई मुश्किल…’ लोगों को बांधे रखा. नयी पीढ़ी के गायकों में शुमार जावेद अली को सुनने के लिए लोग कार्यक्रम के समापन तक जमे रहे. मंुबई से उनके साथ आयीं गायिका श्रीनिधी ने भी अपने गीतों से लोगों झुमाया. आशिकी-2 का गाना ‘मंजिले रुसवा हैं, खाेया है रास्ता…’ को लोगों ने खूब सराहा. बाैद्ध महाेत्सव में आज के कार्यक्रमसुबह 10 बजे से दाेपहर 1.30 बजे तकबच्चा नसीम काैशर की कव्वालीवियतनामी व भूटानी कलाकाराें का नृत्य, पंडित गाेवर्द्धन मिश्र का टप्पा, बच्चाें का कत्थक डांस, उदय कुमार सिंह का बांसुरी वादन, माेहिनी अग्रवाल की गजल, विजय कुमार सिंह का लाेकगीतसांस्कृतिक संध्यापंडित सुगाताे भादुड़ी का मैनडाेलीन वादन, म्यामांर व श्रीलंका का सांस्कृतिक कार्यक्रम व क्रेन स्कूल के बच्चाें का काेरियन डांस, बॉलीवुड की पायल मुखर्जी व अविनाश ठाकुर, सुजाता सिंह व शुभंकर सरकार का गीत-संगीत

Next Article

Exit mobile version