स्वावलंबन विकास की सीढ़ी : डीडीसी

उम्मीद. ऑनलाइन मार्केटिंग की जरूरत, ताकि माल लेकर न जाना पड़े बाहर 10 दिन तक गांधी मैदान में चले हस्तशिल्प मेला एवं प्रदर्शनी का जिले के लोगों को जम कर लुफ्त उठाया़ इसमें कुछ स्थानीय हुनरमंद भी शामिल हुए, जिन्होंने अपनी कला को प्रदर्शित किया़ आंकड़ों के अनुसार मंगलवार तक मेले में 62 लाख रुपये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 25, 2016 8:22 AM
उम्मीद. ऑनलाइन मार्केटिंग की जरूरत, ताकि माल लेकर न जाना पड़े बाहर
10 दिन तक गांधी मैदान में चले हस्तशिल्प मेला एवं प्रदर्शनी का जिले के लोगों को जम कर लुफ्त उठाया़ इसमें कुछ स्थानीय हुनरमंद भी शामिल हुए, जिन्होंने अपनी कला को प्रदर्शित किया़ आंकड़ों के अनुसार मंगलवार तक मेले में 62 लाख रुपये का कारोबार हुआ था़ उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान व उद्योग विभाग का यह प्रयास काफी सफल रहा़
मुख्य संवाददाता4गया
स्वाबलंबन ही विकास की सीढ़ी है. उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान सरकार के सहयाेग से लाेगाें काे स्वाबलंबी बना रहा है. काैशल देकर हुनरमंद बना रहा है. जाे लाेग हुनरमंद हाेकर स्वाबलंबी हाे गये, वह राज्य व देश के विकास में सहायक हैं. ये
बातें उप विकास आयुक्त (डीडीसी) संजीव कुमार ने बुधवार को गांधी मैदान में कहीं.
गांधी मैदान में 15 फरवरी से ही प्रदेश सरकार के उद्याेग विभाग व उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में हस्तशिल्प मेला एवं प्रदर्शनी लगा था, जिसका बुधवार काे समापन हुआ. डीडीसी ने कहा कि लाेगाें में स्कील को डेवलप करनेवाले इस तरह के मेले का आयाेजन हर बार हाेना चाहिए.
इससे शिल्पकाराें व कलाकाराें काे माैका मिलता है. केंद्र व प्रदेश सरकार भी राष्ट्रीय क्षमता विकास याेजना के तहत स्वाबलंबन को बढ़ावा दे रही है. उन्हाेंने कहा कि अब अॉनलाइन मार्केटिंग की जरूरत है, ताकि इन कलाकाराें को अपना तैयार माल बेचने के लिए कहीं बाहर न जाना पड़े, बल्कि ग्राहक ही उन तक पहुंचे. सामान का अॉनलाइन डेमाेंस्ट्रेशन हाे, जिससे माल का एक भाव बाजार तैयार करे. ऐसा प्रयास हाे कि छाेटा से बड़ा समूह बने आैर फिर प्रदेश के स्तर पर ट्रेडिंग का विकास हाे.
उन्हाेंने कहा कि स्टॉल लगाये कई लाेगाें से बात हुई, सभी यहां की मार्केटिंग से खुश हैं. जाे पहली बार आये हैं, वह आगे भी आना चाहते हैं. इससे गया में ऐसे बाजार की जरूरत काे दर्शाता है. उन्हाेंने बताया कि मंगलवार तक करीब 56 लाख रुपये की बिक्री अच्छा संकेत है. इस माैके परउपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के उप निदेशक अशाेक कुमार सिन्हा ने कहा कि एनआइडी (नेशनल इंडस्ट्री डिपॉर्टमेंट) के माध्यम से राज्य के 22 अंचलाें में डिजाइन ट्रेनिंग दी जा रही है. इनमें गया के दाे स्थान पत्थरकट्टी में मधुबनी पेंटिंग व मानपुर में काष्ठकला की ट्रेनिंग अप्रैल महीने से हाेगी.
इस माैके पर डीडीसी, साहित्यकार गाेवर्द्धन प्रसाद सदय, मंजू शर्मा व संस्थान के उप निदेशक अशाेक कुमार सिन्हा ने राेज हाेनेवाली विभिन्न प्रतियाेगिताआें के विजेता बच्चाें के बीच पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र बांटे. जयहिंद पब्लिक स्कूल के बच्चाें ने मनमाेहक गीत व नृत्य प्रस्तुत किये.

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