जल्दी घर जाने के चक्कर में जान की भी परवाह नहीं
गया: सड़कों पर हर रोज बढ़ती गाड़ियों की संख्या व अनियंत्रित परिचालन के बीच सवारियों की ओवरलोडिंग से हादसे का खतरा बना रहता है. गाड़ियों में सीटों (क्षमता) से ज्यादा पैसेंजर बैठाना आम बात हो गयी है. अब गाड़ियों की छतों पर भी लोगों को बैठाया जाने लगा है. ज्यादा मुनाफा के चक्कर में गाड़ी […]
गया: सड़कों पर हर रोज बढ़ती गाड़ियों की संख्या व अनियंत्रित परिचालन के बीच सवारियों की ओवरलोडिंग से हादसे का खतरा बना रहता है. गाड़ियों में सीटों (क्षमता) से ज्यादा पैसेंजर बैठाना आम बात हो गयी है. अब गाड़ियों की छतों पर भी लोगों को बैठाया जाने लगा है. ज्यादा मुनाफा के चक्कर में गाड़ी चलानेवाले अगर ऐसा कर रहे हैं, तो उस पर बैठनेवाले भी कम दोषी नहीं हैं. जल्दी पहुंचने के चक्कर में लोग जान को भी खतरे में डाल रहे हैं और रिस्क लेकर यात्रा कर रहे हैं.
होली की छुट्टी में बाहर से (विभिन्न प्रदेशों व जिलों से) घर आनेवाले लोगों को घर पहुंचने की जल्दबाजी देखी जा रही है. लोग ट्रेनों का सफर करने के बाद गया पहुंचने पर घर पहुंचने की हड़बड़ी में अपनी सुरक्षा का भी ख्याल नहीं रख रहे हैं. ऑटो हो या जीप या फिर कोई अन्य गाड़ी, लोग सीट नहीं मिलने के बाद गाड़ियों की छतों पर भी बैठने से परहेज नहीं कर रहे हैं. गाड़ी चलानेवाले तो इस फिराक में रहते ही हैं कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा सवारी मिले और कमाई बढ़े, पर लोगों को भी इस बात को ध्यान रखना चाहिए कि वे सुरक्षित ढंग से अपने गंतव्य तक पहुंच सकें.
संबंधित थाने को दी गयी है जिम्मेवारी : शहर के दूर-दराज के क्षेत्रों के साथ ही इन दिनों गया शहर में भी ओवरलोडिंग गाड़ियों की आवाजाही बढ़ गयी है. इस बारे में गया के डीटीओ राजेश चौधरी ने बताया कि ओवरलोडिंग गाड़ियों पर कार्रवाई करने की जिम्मेवारी सभी थानों को भी दी गयी है. थाने में इसके लिए जुर्माना व चालान काटने के लिए संबंधित पदाधिकारी अधिकृत हैं. उन्होंने बताया कि वैसे इस दिशा में अभियान चलाया जायेगा व ओवरलोडिंग व छतों पर सवारी बैठानेवालों पर कार्रवाई की जायेगी. खास कर होली जैसे त्योहार में किसी तरह की दुर्घटना न हो इसे लेकर यात्रियों व गाड़ी चलाने वालों को विशेष ध्यान रखना चाहिए.