सियासत: 29 अप्रैल तक हर हाल में करना होगा फैसला, किसके सिर सजेगा नगर पंचायत अध्यक्ष का ताज ?

बोधगया: अविश्वास प्रस्ताव लाकर प्रीति सिंह को हटाये जाने के बाद बोधगया नगर पंचायत अध्यक्ष का पद रिक्त हो गया है. अब नगर पंचायत क्षेत्र के लोगों के जेहन में ये सवाल कौंधने लगे हैं कि अगला अध्यक्ष कौन होगा? किसके सिर अध्यक्ष पद का ताज सजेगा. क्या पूर्व अध्यक्ष प्रीति सिंह हाइकोर्ट का दरवाजा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 31, 2016 8:31 AM
बोधगया: अविश्वास प्रस्ताव लाकर प्रीति सिंह को हटाये जाने के बाद बोधगया नगर पंचायत अध्यक्ष का पद रिक्त हो गया है. अब नगर पंचायत क्षेत्र के लोगों के जेहन में ये सवाल कौंधने लगे हैं कि अगला अध्यक्ष कौन होगा? किसके सिर अध्यक्ष पद का ताज सजेगा. क्या पूर्व अध्यक्ष प्रीति सिंह हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगी? क्या हाइकोर्ट से प्रीति सिंह को राहत मिल सकेगी? या अब इस पद के लिए राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर पुन: चुनाव होगा. लोगों की निगाहें अब प्रीति सिंह की गतिविधियों व राज्य निर्वाचन आयोग पर टिक गयी है.
होगा चुनाव या हाइकोर्ट से प्रीति की होगी वापसी : अध्यक्ष पद से हटायी गयीं नगर पंचायत सदस्य प्रीति सिंह ने अपने विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाकर की गयी कार्रवाई को असंवैधानिक करार देते हुए हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही है. लेकिन, यह भी भविष्य में गर्त में छिपा है कि प्रीति सिंह कब हाइकोर्ट जायेंगी. हाइकोर्ट उनके मामले में कितने दिनों में फैसला देगा. इधर, लोगों में चर्चा होने लगी है कि बोधगया नगर पंचायत अध्यक्ष को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर चुनाव कराया जायेगा या फिर हाइकोर्ट द्वारा अविश्वास प्रस्ताव की कार्रवाई को असंवैधानिक करार देते हुए प्रीति सिंह को पुन: अध्यक्ष पद पर बहाल किया जायेगा.

अगर हाइकोर्ट से ऐसा हुआ, तो प्रीति सिंह को अध्यक्ष पद से हटाने में तिड़कमबाजी करनेवाले गुट को मुंह की खानी पड़ेगी और इसका असर अगले वर्ष होनेवाले नगर पंचायत चुनाव पर भी पड़ेगा. चूंकि, पूर्व अध्यक्ष प्रीति सिंह ने मंगलवार को कहा था कि उन्होंने हमेशा बोधगया नगर पंचायत क्षेत्र के विकास के लिए कामकाज किया है, तभी तो वोटर उन्हें लगातार चुन कर नगर पंचायत भेज रहे हैं. वह लगातार नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर आसीन रहीं. उनके विकास कार्यों को देख कर ही विरोधियों को जलन होती है. वह इन्हीं लोगों की गुटबाजी का शिकार हुई हैं, लेकिन जनता सब देखती है अौर सही समय पर फैसला करती है.

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