औषधीय पौधों को बचाने पर जोर
गया कॉलेज के सीवी रमण भवन में भूगोल व वनस्पति विज्ञान को एक साथ जोड़ कर प्रस्तुत करने की कोशिश की गयी. इसके अलावा औषधीय पौधों को बचाने पर जोर दिया गया. गया : गया काॅलेज के सीवी रमण भवन में शनिवार को मेंडेलियन सोसाइटी आॅफ इंडिया का 12वां कान्फ्रेंस हुआ. मुख्य अतिथि के रूप […]
गया कॉलेज के सीवी रमण भवन में भूगोल व वनस्पति विज्ञान को एक साथ जोड़ कर प्रस्तुत करने की कोशिश की गयी. इसके अलावा औषधीय पौधों को बचाने पर जोर दिया गया.
गया : गया काॅलेज के सीवी रमण भवन में शनिवार को मेंडेलियन सोसाइटी आॅफ इंडिया का 12वां कान्फ्रेंस हुआ. मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद मगध विश्वविद्यालय के कुलपति (प्रोफेसर) मोहम्मद इश्तियाक ने औषधीय पेड़-पौधों की उपयोगिता का जिक्र करते हुए कहा कि देश के हर हिस्से में ऐसे पौधों का संरक्षण होना चाहिए. इसके लिए सभी को प्रयास करना होगा. उन्होंने भूगोल व वनस्पति विज्ञान को एक साथ जोड़ने की भी कोशिश की.
भूगोल से सभी की शुरुआत : कुलपति ने कहा कि भूगोल ही एक ऐसा विषय है, जहां सभी चीजों की शुरुआत होती है. पेड़-पौधे भी भूगोल का एक अहम हिस्सा हैं. उन्होंने सोसाइटी द्वारा औषधीय पौधों की खोज व उनके संरक्षण को लेकर किये जा रहे प्रयास की सराहना की.
अध्यक्षीय भाषण में सोसाइटी के अध्यक्ष दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर के पूर्व कुलपति (प्रोफेसर) पीसी त्रिवेदी ने विश्वभर में पाये जानेवाले औषधीय पौधों की विस्तृत रिपोर्ट पेश की. इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत बायोटेक विभाग के छात्र-छात्राओं ने स्वागत गीत के साथ की. इसके बाद गया काॅलेज के प्राचार्य डाॅ शमसुल इसलाम ने अपने स्वागत भाषण में इस पूरे कार्यक्रम की जानकारी दी.
प्राचार्य व पूर्व प्राचार्य को मिली फेलोशिप : मेंडेलियन सोसाइटी आॅफ इंडिया के सचिव सह गया काॅलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर अरविंद कुमार सिन्हा ने मेंडेलियन सोसाइटी आॅफ इंडिया का पूरा कामकाज व उद्देश्य विस्तार से बताया. काॅन्फ्रेंस के पहले सत्र में सोसाइटी के जर्नल (पत्रिका) का भी विमोचन हुआ. इस पत्रिका का प्रकाशन पिछले 32 साल से किया जा रहा है.
इस मौके पर सोसाइटी की ओर से कई लोगों को फेलोशिप भी दी गयी. इनमें गया काॅलेज के प्राचार्य डाॅ शमसुल इसलाम व पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर श्रीकांत शर्मा भी हैं. कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन जर्नल के संपादक डाॅ महेश राय, संचालन गया काॅलेज के अंगरेजी के विभागाध्यक्ष डाॅ केके नारायण ने किया.
कॉन्फ्रेंस के दूसरे व तीसरे सत्र में पटना साइंस काॅलेज के प्राचार्य प्रोफेसर उपेंद्र किशोर सिन्हा ने टिशू कल्चर पर अपनी बात रखी. तीसरे व अंतिम सत्र में सोसाइटी के अध्यक्ष प्रोफेसर पीसी त्रिवदी ने हर्बल ड्रग विषय पर व्याख्यान दिया. उन्होंने पूरे विश्व में पाये जानेवाले औषधीय पौधों व उनकी उपयोगिता पर चर्चा की. पूरे कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन सोसाइटी के सचिव प्रोफेसर अरविंद कुमार सिन्हा ने किया.