कपड़ा फैक्टरी में सतर्कता जरूरी
कपड़ा फैक्टरी में सतर्कता जरूरीब्वायलर फटने की घटना के बाद मजदूरों में दहशतफोटो प्रतिनिधि, मानपुर मानपुर सूती कपड़ा उद्योग का बड़ा केंद्र है. करीब 20 हजार पावरलूम 24 घंटे काम करते हैं. बुनकरों की मशीन से बन कर तैयार सूती कपड़े को प्रेस (कलेंडरिंग) भी किया जाता है. मानपुर में अब भी करीब एक दर्जन […]
कपड़ा फैक्टरी में सतर्कता जरूरीब्वायलर फटने की घटना के बाद मजदूरों में दहशतफोटो प्रतिनिधि, मानपुर मानपुर सूती कपड़ा उद्योग का बड़ा केंद्र है. करीब 20 हजार पावरलूम 24 घंटे काम करते हैं. बुनकरों की मशीन से बन कर तैयार सूती कपड़े को प्रेस (कलेंडरिंग) भी किया जाता है. मानपुर में अब भी करीब एक दर्जन कलेंडरिंग मशीनें काम कर रही हैं. इस हादसे के बाद सभी फैक्टरियों के मजदूर दहशत में हैं. बुधवार की सुबह सात बजे फलधारी पटवा की फैक्टरी में ब्वायलर पाइप के फटने के बाद मजदूरों में डर समा गया है. मजदूर सोहन यादव ने बताया कि इस तरह की फैक्टरी घनी आबादी से हमेशा दूर रहनी चाहिए. फैक्टरी में मशीन की जांच समय-समय पर इंजीनियर से करायी जानी आवश्यक है. जांच के दौरान खराब या कमजोर पड़े मशीन के पार्ट्स को बदल देना चाहिए. प्रशिक्षित मजदूर ही करें कामफैक्टरी में प्रशिक्षित मजदूर काम करते हैं, तो खतरे की आशंका कम होती है. मानपुर शहर सूती वस्त्र उद्योग के लिए मशहूर है. यहां के तैयार कपड़े बांग्लादेश, उत्तर प्रदेश, बंगाल, झारखंड व ओड़िशा जाते हैं. करीब एक लाख कामगार काम करते हैं. इनमें सभी मजदूर गया, नवादा, औरंगाबाद, जहानाबाद व नालंदा जिलों के अलावा अन्य पड़ोसी राज्यों के हैं.