पहला अर्घ आज, पानी की कमी करेगी परेशान

गया: साेमवार काे खरना के साथ व्रतियाें का उपवास शुरू हाे गया. मंगलवार की शाम पहला अर्घ व बुधवार की सुबह उगते सूर्य काे अर्घदान के साथ छठ संपन्न हाे जायेगा. व्रतियाें ने सूर्यकुंड, रूक्मिणी सराेवर व उत्तर मानस सहित अन्य कुंडाें व सराेवराें में स्नान कर सूर्य नमस्कार किया. इसके बाद भगवान भास्कर की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 12, 2016 8:51 AM
गया: साेमवार काे खरना के साथ व्रतियाें का उपवास शुरू हाे गया. मंगलवार की शाम पहला अर्घ व बुधवार की सुबह उगते सूर्य काे अर्घदान के साथ छठ संपन्न हाे जायेगा. व्रतियाें ने सूर्यकुंड, रूक्मिणी सराेवर व उत्तर मानस सहित अन्य कुंडाें व सराेवराें में स्नान कर सूर्य नमस्कार किया. इसके बाद भगवान भास्कर की आराधना की. फिर मिट्टी के चूल्हे व आम की लकड़ी पर बनी खीर, दाेस्ती राेटी, पूड़ी व पीट्ठा का भाेग लगाकर खरना किया.
फल मंडी में आयी तेजी
छठ व्रत काे लेकर बाजार में खूब चहल-पहल रही. फल मंडी में काफी भीड़ रही. केला 300 से 500 रुपये कांधी व 30-50 रुपये दर्जन, सेब 100 से 140 रुपये किलाे, अंगूर 80 से 100 रुपये किलाे, संतरा 40 से 80 रुपये किलाे, आम 100 रुपये किलाे, गाजर-20 से 40 रुपये किलाे, शकरकंद 30 से 35 रुपये किलाे, अनार 50 से 100 रुपये किलाे, खीरा 25 से 40 रुपये किलाे, गन्ना 30 रुपये पीस, तारबूज 10 से 15 रुपये किलाे बिके.
अर्घदान के लिए की जा रही वैकल्पिक व्यवस्था: छठ व्रत को देखते हुए घाटों पर साफ-सफाई व फल्गु नदी में पानी नहीं होने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था भी निगम व मुहल्लावालों द्वारा किया जा रहा है. अर्घ के समय व्रतियों व श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है. डूबते सूर्य को अर्घ देने के लिए लोग सूर्यकुंड तालाब का उपयोग करते हैं.

नहीं उगते सूर्य को अर्घ नदी में दिया जाता रहा है. इस बार फल्गु का लेयर काफी नीचे जाने के कारण कुंड भी नहीं खोदा जा सका है. निगम द्वारा बोरिंग के माध्यम से नदी किनारे पितामहेश्वर व केंदुई घाट पर झरना का इंतजाम किया गया है. इसके साथ ही वार्ड पार्षद द्वारा जन सहयोग से ब्रह्मणीघाट पर अस्थायी कुंड बनाया गया है. देव घाट, दंडीबाग (झारखंडी महादेव) घाट आदि जगहों पर व्रतियों को झरने से ही काम चलाना होगा.

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