पानी में बह गये प्याऊ के रुपये !

गया: शहर में निगम द्वारा बनाये गये प्याऊ से लोगों को कुछ खास लाभ नहीं मिल पा रहा. जानकारी के अनुसार, शहर में 152 प्याऊ बनाये गये हैं. विभाग के अनुसार, इनमें 18 प्याऊ खराब हैं. इन प्याऊ के निर्माण पर करीब तीन करोड़ रुपये खर्च किये गये थे. हालांकि प्याऊ निर्माण की शुरुआत सामाजिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 4, 2016 10:09 AM
गया: शहर में निगम द्वारा बनाये गये प्याऊ से लोगों को कुछ खास लाभ नहीं मिल पा रहा. जानकारी के अनुसार, शहर में 152 प्याऊ बनाये गये हैं. विभाग के अनुसार, इनमें 18 प्याऊ खराब हैं. इन प्याऊ के निर्माण पर करीब तीन करोड़ रुपये खर्च किये गये थे. हालांकि प्याऊ निर्माण की शुरुआत सामाजिक संस्थाओं द्वारा की गयी थी. बाद में निगम ने भी योजना बनाकर कई जगहों पर इसका निर्माण कराया. देखा जाये, तो अधिकतर प्याऊ मोटर की खराबी, बोरिंग फेल व टंकी फटने के कारण बंद पड़े हैं.
वहीं, जो चालू हैं, वहां ऑपरेटर नहीं होने के कारण लोगों को (प्लास्टिक टंकी वाले प्याऊ पर ) गरम पानी मिल रहा है. कुल मिला कर इस योजना पर जितना पैसा निगम ने बहाया उसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा.
अगर इस रुपये को कहीं और इन्वेस्ट करते, तो होता ज्यादा फायद : एसबीआइ के क्षेत्रीय प्रबंधक एजाजुद्दीन ने बताया कि बैंक सेविंग अकाउंट पर चार प्रतिशत लाभांश देती है. बैंक के साधारण अकाउंट में अगर इन पैसों (तीन करोड़) को रखा जाता, तो अब तक करीब 60 लाख रुपये इंट्रेस्ट मिलते. इन पैसों से पेयजल आपूर्ति के लिए पाइप लाइन का विस्तार, लिकेज ठीक करने व नयी जगहों पर बोरिंग करा कर पानी सप्लाइ का काम शुरू किया जा सकता था. इन पैसों से करीब 100 मकान का निर्माण राजीव गांधी आवास योजना के तहत किया जा सकता था. प्याऊ आम लोगों के ही रुपये से बना है, पर इसका लाभ राहगीर या आमलोग कम ही उठाते हैं. ज्यादा उपयोग फुटपाथी दुकानदार व सत्तू बेचने वाले करते हैं.

Next Article

Exit mobile version