लापरवाही: मजदूर की मौत, किया हंगामा
गया: शहर में नाले की साफ-सफाई के दौरान करेंट लगने से एक मजदूर की मौत हो गयी. उसकी पहचान 45 साल के दिलीप पासवान के रूप में हुई है. वह तेलबिगहा का रहनेवाला था. जानकारी के अनुसार, दिलीप पासवान बुधवार को वार्ड नंबर-18 के दुल्हिनगंज, गौरैया स्थान में नाले की सफाई के लिए के लिए […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
May 13, 2016 8:45 AM
गया: शहर में नाले की साफ-सफाई के दौरान करेंट लगने से एक मजदूर की मौत हो गयी. उसकी पहचान 45 साल के दिलीप पासवान के रूप में हुई है. वह तेलबिगहा का रहनेवाला था.
जानकारी के अनुसार, दिलीप पासवान बुधवार को वार्ड नंबर-18 के दुल्हिनगंज, गौरैया स्थान में नाले की सफाई के लिए के लिए नगर निगम द्वारा अस्थायी मजदूर के रूप में लगाया गया था. नाले में घुसते ही उसे करेंट लगने का अहसास हुआ. उसने मेट (मजदूरों का मुखिया) मनोज राम से कहा कि पानी में करेंट आ रहा है. मनोज ने दिलीप से कहा कि पानी में थोड़ा करेंट आता है और उसे नाले में उतरने को कहा. दिलीप भी नाले में उतर गया, पर वह बाहर नहीं निकल पाया. वह पानी में तड़पने लगा. उसके साथ रहे मजदूरों ने जैसे-तैसे उसे बाहर निकाला और मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल की ओर लेकर भागे. लेकिन, रास्तेे में ही दिलीप ने दम तोड़ दिया. मजदूर दिलीप के शव को मेडिकल लेकर पहुंचे. लेकिन, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर पुलिस को सूचना देने को कहा. इसके बाद मजदूरों ने पुलिस के बजाय नगर आयुक्त को मामले से अवगत कराया. पर, निगम की तरफ से कोई भी पदाधिकारी मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल नहीं पहुंचा. इसके बाद रात में ही सभी मजदूर दिलीप का शव लेकर कोतवाली थाना पहुंचे.
इसके बाद वहां नगर प्रखंड के बीडीओ संजीव कुमार व सीओ अशोक कुमार थाने पहुंचे और शव को पुलिस संरक्षण में दोबारा मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा. देर रात होने के कारण बुधवार की रात पोस्टमार्टम नहीं हो सका. गुरुवार की सुबह मजदूर की मौत की खबर सुनते ही बड़ी संख्या में सफाईकर्मी मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंच गये और हंगामा करने लगे. अस्पताल परिसर मजदूरों से भर गया. इसी दौरान दिलीप के शव का पोस्टमार्टम हुआ. पोस्टमार्टम के बाद कर्मचारी व मजदूर यूनियन नेता दिलीप के शव के साथ नगर आयुक्त के कार्यालय पहुंचे और उनके चैंबर के बाहर शव रख कर मुआवजे की मांग पर अड़ गये. नगर आयुक्त ने भी मुआवजे की घोषणा कर जैसे-तैसे मामले को सुलझाया. दिलीप पासवान की मौत के बाद मजदूर गणेश पासवान ने मेट मनोज राम के खिलाफ कोतवाली थाने में केस दर्ज कराया है. इस बाबत कोतवाली थानाध्यक्ष निहार भूषण ने बताया कि मजदूर गणेश पासवान के बयान पर मेट मनोज राम के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. पूरे मामले की जांच की जा रही है.
तत्काल 30 हजार की सहायता : दिलीप पासवान के परिजनों को नगर निगम ने तत्काल 25 हजार व नगर आयुक्त ने अपनी तरफ से पांच हजार रुपये का मुआवजा दिया है. साथ ही, श्रम विभाग की तरफ से असंगठित मजदूर दुर्घटना मुआवजे के माध्यम से एक लाख रुपये देने, मजदूर की पत्नी को जॉब कार्ड पर नगर निगम कार्यालय में काम देने व राजीव गांधी आवास योजना का भी लाभ देने की घोषणा की गयी है.
अस्थायी मजदूरों से होता है कामकाज
नगर निगम में स्थायी सफाई कर्मचारियों की कमी होने के कारण अस्थायी मजदूरों से काम कराया जाता है. बरसात से पहले निगम बड़े नालों की सफाई के लिए शहर के 52 वार्डों में अस्थायी मजदूरों से काम करा रहा है. पहले भी नाले की सफाई के दौरान ही कल्लू डोम व सुदामा डोम की जान जा चुकी है. दो मजदूरों की मौत के बाद भी नगर निगम की तरफ से कोई एहतियात नहीं बरता गया, इसका नतीजा हुआ कि विगत बुधवार को एक और मजदूर की जान चली गयी. हादसे के बाद कुछ मुआवजा देकर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है.
पत्नी बेसुध, बच्चे हुए बेसहारा
पति की मौत के बाद पत्नी देवंती देवी का बुरा हाल है. पति के शव को देख कर वह बार-बार बेसुध हो जा रही थी. पिता के शव के पास खड़ी नौ वर्ष की सुनैना व तीन वर्ष की सरिता को कुछ समझ में नहीं आ रहा था. उनके सिर से पिता का साया उठ गया. देवंती को अपनी दोनों बेटियों की चिंता सता रही थी.
दिलीप नहीं था नगर निगम का कर्मचारी
दिलीप पासवान नगर निगम का स्थायी व दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी नहीं था. उसकी मौत लापरवाही के चलते हुई है. यह जांच का विषय है. नाले की सफाई के दौरान करेंट से उसकी मौत हुई है. नगर निगम ने अपनी ओर से पीड़ित परिजनों को मुआवजा दिया है. परिवार लाभ योजना के तहत कुछ और सहायता दी जायेगी.
विजय कुमार, नगर आयुक्त