तैयारी आधी-अधूरी: बारिश हो जाये, तो गुम हो जायेंगी शहर की कई सड़कें

गया: नगर निगम ने शहर के छोटे-बड़े नालों की साफ-सफाई के लिए पांच जून आखिरी समय-सीमा निर्धारित की थी. इसके बाद मॉनसून में देरी देखते हुए मौखिक तौर पर एक सप्ताह का और समय दिया गया, पर कामकाज की गति इतनी धीमी है कि निर्धारित समय में नालों की सफाई पूरा होने पर संशय है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 9, 2016 8:33 AM
गया: नगर निगम ने शहर के छोटे-बड़े नालों की साफ-सफाई के लिए पांच जून आखिरी समय-सीमा निर्धारित की थी. इसके बाद मॉनसून में देरी देखते हुए मौखिक तौर पर एक सप्ताह का और समय दिया गया, पर कामकाज की गति इतनी धीमी है कि निर्धारित समय में नालों की सफाई पूरा होने पर संशय है.
उल्लेखनीय है कि नगर निगम ने 233 नालों को चिह्नित कर सफाई शुरू करवायी. लेकिन, उसकी गति इतनी धीमी है कि मॉनसून के आने तक शायद ही सभी नालों की साफ-सफाई पूरी हो सके. ऐसे में जिन क्षेत्रों में नालों की उड़ाही नहीं हुई है, उन मुहल्लों के लोगों का कहना है कि किसी दिन ठीक-ठाक बारिश हो गयी, उस दिन घर व रोड एक हो जायेंगे. सड़क खोजना मुश्किल हो जायेगा. इनके अलावा कई ऐसे नाले बचे हैं, जिन्हें बरसात में सफाई कराना मुश्किल है. हालांकि, नगर निगम के अधिकारी मॉनसून आने से पहले सफाई का काम पूरा कर लेने का दावा कर रहे हैं.
कचरा उठाने में भी होती है लापरवाही : निगम जिन वार्डों में नालों की सफाई करा रहा है, वहां से नालों का कचरा उठाने में भी घोर लापरवाही बरती जा रही है. अगर, इस दौरान बारिश हो गयी, तो आधा कचरा रोड पर बहेगा और आधा जायेगा नालों में. पिछले कुछ वर्षों के अनुभव बताते हैं कि बरसात होने के बाद नालों की सफाई नहीं करायी जाती. अगर, कहीं जलजमाव होता है, तो पानी निकालने भर का इंतजाम होता है.
नालों की सफाई के लिए बनी है गाइडलाइन : नालों की सफाई के लिए नगर निगम ने गाइडलाइन तैयार करवाया था. नालों की सफाई शुरू करने से पहले व बाद में वीडियोग्राफी कराने और इसके निरीक्षण के लिए पार्षद व सफाई प्रभारी को जिम्मेवारी सौंपी गयी है. यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद उक्त वार्ड सदस्य द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र देना है. इसके बाद ही नगर निगम द्वारा नाले की सफाई का पेमेंट किया जायेगा.

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