Inter Result Scam : हम नेता के घर मिलीं बोर्ड की कॉपियां
पटना/गया : पुलिस ने बिहार बोर्ड की साढ़े आठ करोड़ की चार सौ टन उत्तरपुस्तिकाओं में से चार टन (18 बंडल) बुधवार को हिंदुस्तान अवाम मोरचा (हम) के औरंगाबाद के जिलाध्यक्ष अजय सिंह के घर से बरामद कर लीं. इस मामले में हम के जिलाध्यक्ष अजय सिंह व मगध यूनिवर्सिटी के एकाउंटेंट सदानंद शंकर को […]
पटना/गया : पुलिस ने बिहार बोर्ड की साढ़े आठ करोड़ की चार सौ टन उत्तरपुस्तिकाओं में से चार टन (18 बंडल) बुधवार को हिंदुस्तान अवाम मोरचा (हम) के औरंगाबाद के जिलाध्यक्ष अजय सिंह के घर से बरामद कर लीं. इस मामले में हम के जिलाध्यक्ष अजय सिंह व मगध यूनिवर्सिटी के एकाउंटेंट सदानंद शंकर को गिरफ्तार कर लिया गया है. सदानंदको गया के पंचायती अखाड़ा क्षेत्र स्थित आवास से पुलिस ने पकड़ा. इसने उत्तरपुस्तिकाओं को वहां भिजवाने में मदद की थी.
खास बात यह है कि पूछताछ में अजय सिंह ने पुलिस को बताया है कि औरंगाबाद के डीपीआरओ ने मुझे कॉपियां रखने को कहा था. लेकिन, उसकी बातें कितनी सच हैं, इस संबंध में छानबीन के लिए डीपीआरओ से पूछताछ की जायेगी. पुलिस ने छापेमारी रद्दी कागजात के ठेकेदार राजकिशोर गुप्ता की निशानदेही पर की. बताया जाता है कि राजकिशोर गुप्ता ने कई अन्य जगहों की भी पुलिस को जानकारी दी है, जहां से उत्तरपुस्तिकाओं को बरामद करने के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. अजय सिंह की औरंगाबाद में राइस मिल भी है.
इधर पूर्णिया के स्कूल में उत्तरपुस्तिकाएं उतरवाये जाने के मामले में पकड़े गये नंदकिशोर यादव को पुलिस ने सरकारी गवाह बना लिया है और उसका बयान कोर्ट में करवाया गया है. उसने बताया है कि वह स्कूल की फाइन को खत्म करवाने के लिए बिहार बोर्ड आया था और इस दौरान बोर्ड के पूर्व सचिव हरिहरनाथ झा और विकास ने स्कूल में उत्तरपुस्तिकाएं उतरवाने को कहा था और आश्वासन दिया था कि यह काम करने के बाद स्कूल की फाइन माफ कर दी जायेगी.
ट्रांसपोर्ट नगर गोदाम से जिलाध्यक्ष के घर गयी थीं उत्तरपुस्तिकाएं
इस मामले में स्टोरकीपर विकास की संलिप्तता सामने आयी है. उसने ठेकेदार राजकिशोर गुप्ता की मदद से पटना के ट्रांसपोर्ट नगर में गोदाम में उत्तरपुस्तिकाएं रखवायी थीं और फिर उसकी मदद से जान-पहचान वाले अजय सिंह के घर पर भिजवायी थीं. इसमें सदानंद शंकर ने भी मदद की थी. अजय सिंह व सदानंद से पुलिस पूछताछ कर रही है और यह संभावना जता रही है कि और भी उत्तरपुस्तिकाएं बरामद कर ली जायेंगी.
एसएसपी मनु महाराज ने दोनों की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि बाकी उत्तरपुस्तिकाओं की खोजबीन की जा रही है.
पटना : राज्य सरकार मैट्रिक परीक्षा के पैटर्न में बदलाव करने जा रही है. सीबीएसइ व अन्य राज्यों के बोर्ड के तर्ज पर मैट्रिक परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन डिजिटलाइज तरीके से कराने की तैयारी चल रही है. इसकी शुरुआत इस साल मैट्रिक की सप्लीमेंट्री (पूरक) परीक्षा से होने जा रही है.
इसमें सफलता मिलने पर मैट्रिक परीक्षा, 2017 से इसे लागू कर दिया जायेगा. बुधवार को शिक्षा विभाग में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के प्रेजेंटेशन के बाद शिक्षा मंत्री डाॅ अशोक चौधरी ने बताया कि मैट्रिक की सप्लीमेंट्री परीक्षा वैसे ही होगी, जैसी होती है. परीक्षा के बाद कॉपियों को स्कैन किया जायेगा और उसकी डिजिटलाइज मार्किंग की जायेगी. इसमें कॉपियों में अंक भी डिजिटल रूप में ही दिये जायेंगे. बार कोडिंग, ओएमआर की भी व्यवस्था होगी.
कौन कॉपी किस जिले, स्कूल या छात्र की है, यह बार कोडिंग होने से दूसरे को पता नहीं चलेगा. इससे गड़बड़ी होने की आशंका कम है. सीबीएससी व अन्य राज्यों के बोर्ड में ऐसी व्यवस्था है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में और पारदर्शिता के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. बोर्ड की पूरी कार्यप्रणाली को कंप्यूटराइज किया जायेगा, ताकि लेस ह्यूमन एरर हो. हर कुछ कंप्यूटर में उपलब्ध होगा. नौकरी लगने पर अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट जांच के लिए बिहार बोर्ड से सर्टिफिकेट वैरीफाइ करने की जरूरत नहीं, बल्कि जहां हैं, वहीं बैठ कर कर सकेंगे.
प्रेजेंटेशन के दौरान बिहार बोर्ड ने सभी प्रमंडलों में सेंटर खोलने, चार से पांच हजार छात्र-छात्राओं के लिए परीक्षा भवन बनाने समेत विस्तार से कार्ययोजना दिखायी. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने प्रेजेंटेशन दिखाया और बिहार बोर्ड को कैसे बेहतर किया जा सकता है, उसका खाका पेश किया. इस मौके पर बिहार बोर्ड के सचिव अनूप सिन्हा, पदाधिकारी विजय कुमार हिमांशु, अखिलेश्वर पांड्या समेत अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे.