अफसरों ने कहा-खाली करना ही होगा घर, लोगों ने किया पथराव
तोड़े गये 35 मकान जनप्रतिनिधियों ने विरोध में उठायी आवाज गया : प्रशासन के 24 घंटे के अल्टीमेटम के बाद कुष्ठ अस्पताल में करीब 20 वर्षों से कब्जा जमा कर घर बनाये 35 लोगों के मकान पर गुरुवार को बुलडोजर चलाया गया. हालांकि, एक दिन पहले उठे मामले को लेकर किसी अतिक्रमणकारी को यकीन नहीं […]
तोड़े गये 35 मकान जनप्रतिनिधियों ने विरोध में उठायी आवाज
गया : प्रशासन के 24 घंटे के अल्टीमेटम के बाद कुष्ठ अस्पताल में करीब 20 वर्षों से कब्जा जमा कर घर बनाये 35 लोगों के मकान पर गुरुवार को बुलडोजर चलाया गया. हालांकि, एक दिन पहले उठे मामले को लेकर किसी अतिक्रमणकारी को यकीन नहीं था कि इतनी जल्दी उन्हें कोई हटाने आयेगा. पर, गुरुवार की दोपहर जब पुलिस बल के साथ अधिकारी मौके पर पहुंचे, तो उनके हाथ-पांव फूल गये.
अधिकारियों ने बुलडोजर से पहली झोंपड़ी हटाना शुरू किया, तो पक्का मकान बनाये लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया. सीओ विजय कुमार सिंह व डेल्हा थानाध्यक्ष अजय कुमार ने लोगों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन, कोई मानने को तैयार नहीं हुआ और पुलिस बल व अधिकारियों पर रोड़ेबाजी करने लगे. इसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग कर लोगों को खदेड़ा.
कई बार स्थिति टकराव की बनती दिखी. पर, पुलिस बल की संख्या अधिक होने के कारण किसी ने दोबारा विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटायी. मकान टूटता देख लोग अपने-अपने घरों से सामान समेटने लगे. अतिक्रमण हटाने के दौरान विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए कोतवाली थानाध्यक्ष निहार भूषण व ट्रैफिक इंस्पेक्टर चेतनानंद झा के अलाव पुलिस बल के साथ महिला पुलिस भी मौजूद रही. कुष्ठ अस्पताल की जमीन पर 20 साल से लोग घर बनाये हुए थे. शुरू में यहां रह रहे लोग कुष्ठ अस्पताल में इलाज कराने आये थे. उसके बाद यहीं के होकर रह गये. पहले इन लोगों ने झोंपड़ी बनायी, उसके बाद मिट्टी का घर बनाया. देखते-देखते लोगों ने दो मंजिला घर बना कर पूरा कुनबा ही बसा लिया.
बुधवार को चिह्नित किया गया था अतिक्रमण : प्रशासन की नजर यहां के अतिक्रमण पर आज से पहले कभी नहीं पड़ी. ये लोग निश्चिंत हो गये कि अब उन्हें प्रशासन हटानेवाला नहीं है. घर में टीवी, फ्रिज, कपड़ा धोने की मशीन आदि अत्याधुनिक उपकरण भी लगा लिये. विगत बुधवार को अतिक्रमण चिह्नित करने पहुंचे एसडीओ विकास कुमार जायसवाल ने अतिक्रमणकारियों को 24 घंटे के अंदर यहां से हटने का अल्टीमेटम दिया था. उसके बाद गुरुवार को बुलडोजर चला कर साफ करा दिया गया.
बेघर हुई मीना देवी का कहना है कि हमलोग पूरे परिवार के साथ बेघर हो गये. अब रोड के किनारे ही रात-दिन काटनी होगी. प्रशासन अगर पहले ही बसने नहीं दिया होता, हमलोग पहले रहते ही नहीं.
बेघरों की हो व्यवस्था : वार्ड नंबर छह की पार्षद सरस्वती देवी ने कहा कि बेघर हुए आठ सौ से अधिक लोगों के रहने की व्यवस्था होनी चाहिए. प्रशासन ने एकाएक सभी लोगों को बेघर कर दिया है. डीएम व एसडीओ से मिल कर थोड़ी मोहलत देने की मांग की गयी थी. गुरुवार को किसी पदाधिकारी ने मिलने तक का समय नहीं दिया और गरीब लोगों के मकान पर बुलडोजर चलवा दिया. उन्होंने कहा कि शहर अतिक्रमणमुक्त होना चाहिए. लेकिन, यह भी देखना चाहिए कि शुरू में ही कोई कहीं अतिक्रमण न करे.