भाकपा माआेवादियों का 30 अगस्त की आधी रात से 24 घंटे का मगध बंद
गया : बिहार में गया-अाैरंबागाद की पुलिस द्वारा आम लाेगाें काे जंगल के अंदर जाने की मनाही व नक्सलियों (भाकपा-माओवादियों) के साथ लड़ने के लिए पुलिस की खुली चुनाैती काे लेकर नक्सलियों ने 30 अगस्त की आधी रात से 31 अगस्त की आधी रात तक 24 घंटे के मगध बंद के अलावा झारखंड के पलामू […]
गया : बिहार में गया-अाैरंबागाद की पुलिस द्वारा आम लाेगाें काे जंगल के अंदर जाने की मनाही व नक्सलियों (भाकपा-माओवादियों) के साथ लड़ने के लिए पुलिस की खुली चुनाैती काे लेकर नक्सलियों ने 30 अगस्त की आधी रात से 31 अगस्त की आधी रात तक 24 घंटे के मगध बंद के अलावा झारखंड के पलामू व चतरा जिले में बंद का आह्वान किया है. बंदी से दूध, प्रेस, दवा व एंबुलेंस समेत अन्य आपातकालीन सेवाआें काे मुक्त रखा गया है.
भाकपा-माआेवादी के बिहार-झारखंड रीजनल कमेटी के प्रवक्ता मानस ने माेबाइल पर उक्त बंद की सूचना दी है. मानस ने भाकपा-माआेवादी के मजदूर किसान कमेटी, संयुक्त माेरचा व पीएलजीए से आह्वान किया है कि बंद काे सफल बनाने में सहयाेग करें. मानस ने कहा कि गया, आैरंगाबाद, पलामू व चतरा में जंगल के आसपास रहनेवाले गरीब लोग जंगल से घास व सूखी लकड़ी चुन कर जंगल से बाहर लाकर व बेच कर अपना व परिवार का भरण-पाेषण करते हैं. जंगली कंद-मूल खाकर जीवित रहते हैं. ऐसे में उनके जंगल में जाने से राेक लगा कर जंगलवासियों पर पुलिस कहर बरपा रही है.
भाकपा-माआेवादी पुलिस की इस कायरतापूर्ण व सुनियाेजित तरीके से जंगल के अंदर जाने से लाेगाें काे राेकने की निंदा करती है. उन्हाेंने कहा कि पुलिस व अर्द्धसैनिक बलों के जवानाें ने फूलचंद भुइंया, अवधेश भुइंया, कारू भाेक्ता, कारू भुइंया, सुदामा भुइंया, साधु भुइंया व गया सिंह भाेक्ता काे जंगल में ही फर्जी मुठभेड़ दिखा कर मार डाला. पुलिस खुली चुनाैती दे रही है, जिसका भाकपा-माआेवादी के सदस्य विराेध करते हैं.