‘कुपोषण से बच्चों को बचाने के लिए रहें सतर्क’

गया: यूनिसेफ के सहयोग से बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए आइवाइसीएफ (इंपैक्ट यूथ एंड चाइल्ड फिडिंग) प्रोग्राम शुरू किया गया है. इस योजना के तहत नयी दिल्ली से आयी बीएफपीएनआइ (ब्रेस्ट फिडिंग परमोशन नेटवर्क ऑफ इंडिया) की सदस्यीय टीम प्रशिक्षण देने गया आयी है. इसमें डॉ अनीता गुप्ता व डॉ संगीता का नाम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2014 9:37 AM

गया: यूनिसेफ के सहयोग से बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए आइवाइसीएफ (इंपैक्ट यूथ एंड चाइल्ड फिडिंग) प्रोग्राम शुरू किया गया है. इस योजना के तहत नयी दिल्ली से आयी बीएफपीएनआइ (ब्रेस्ट फिडिंग परमोशन नेटवर्क ऑफ इंडिया) की सदस्यीय टीम प्रशिक्षण देने गया आयी है.

इसमें डॉ अनीता गुप्ता व डॉ संगीता का नाम शामिल है. फिलहाल 26 एलएचवी, एएनएम व ए-ग्रेड नर्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

होटल सीटी सूर्या में आयोजित सात दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन सोमवार को जिला पदाधिकारी बाला मुरुगन डी, यूनिसेफ के पोषाहार राज्य प्रभारी डॉ आलोक रंजन व सिविल सजर्न डॉ विजय कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से दीप जला कर किया. इस मौके पर डॉ रवि ने कहा कि आजादी के छह दशक बाद भी देश के 53 प्रतिशत बच्चों में कुपोषण पाया जाना चिंता का विषय है. मुख्य रूप से जन्म से लेकर दो साल तक के बच्चों का मानसिक विकास तेजी से होता है. ऐसे में इन बच्चों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है.

पर, जानकारी की अभाव में अक्सर लोग बच्चों के पोषण पर ध्यान नहीं दे पाते है. उन्होंने कहा कि जन्म से लेकर दो साल तक बच्चों को स्तनपान कराना आवश्यक है. साथ ही जन्म के छह माह बाद से ठोस आहार भी दिया जाना आवश्यक है. प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को बच्चों के पोषण से संबंधित जानकारी दी जा रही है.

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