गया : बिहार के गया में कालाधन खपाने का बड़ा मामला सामने आया है. शहर के पटवाटोली में व्यापारी मोतीलाल पटवा के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी लगातार जारी है. जानकारी के मुताबिक जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, कई चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. आयकर विभाग ने अपने जांच का दायरा बढ़ा दिया है. सूत्रों के मुताबिक विभाग को 50 ऐसे बैंक खातों का पता चला है जिसमें मोतीलाल एंड कंपनी ने नोटबंदी के दौरान 200 करोड़ रुपये जमा कराएं हैं. पूरी राशि बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में जमा करायी गयी है. विभाग को पता चला है कि यह राशि नक्सलियों की भी हो सकती है. फिलहाल विभाग पूरे मामले की जांच कर रहा है.
कैसे हुआ खुलासा
मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब आयकर विभाग के अधिकारियों ने ने मंगलवार को ब्लैक मनी को ह्वाइट करने में कथित तौर पर संलिप्त एक बैंक दलाल (एमटीआइ कॉटन मिल प्राइवेट लिमिटेड के मालिक मोतीलाल उर्फ मोती बाबू) के मानपुर के पटवाटोली-दुर्गा स्थान स्थित ठिकानों के साथ-साथ गया शहर के जीबी रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया में सघन छापेमारी की. सूत्रों के मुताबिक विभाग इसकी गहन जांच के लिये आर्थिक अपराध शाखा से भी संपर्क करेगा. टीम को यह आशंका है कि मोतीलाल पटवा दूसरे के नाम पर खाता खोलकर उसमें पैसे जमा करता था और अपना कमीशन काटकर बाकी राशि वापस करता था.
क्या है पूरा मामला
इस दौरान एमटीआइ कॉटन मिल प्राइवेट लिमिटेड के स्टॉक में करीब छह करोड़ की गड़बड़ी व माल में हेराफेरी का खुलासा हुआ. वहीं, आयकर टीम ने बैंक ऑफ इंडिया में खोले गये पांच ऐसे खातों के बारे में पता लगाया, जिनमें नोटबंदी के बाद करीब 10 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ था. आयकर टीम ने खाताधारियों से सख्ती से पूछताछ शुरू की तो उन्होंने अपने बयान से संबंधित न्यायालय का शपथ पत्र सौंप दिया. साथ ही इस मामले में आय कर विभाग को सहयोग करने के लिए सरकारी गवाह बनने पर सहमति जता दी थी. खाताधारियों के बयान व शपथ पत्र दिये जाने के बाद आय कर अधिकारियों का ध्यान अब पूरी तरह से बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर सहित अन्य अधिकारियों व एमटीआइ कॉटन मिल प्राइवेट लिमिटेड के मालिक मोतीलाल पटवा पर टिक गयी है और जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है.
जन धन खातों का हुआ इस्तेमाल
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मोतीलाल ने अपनी ब्लैक मनी को व्हाइट करने के लिए दो दर्जन से ज्यादा लोगों के बैंक खातों में रुपये जमा करवाये थे. इन खातों में कुछ जन धन अकाउंट भी शामिल हैं. अब तक की छानबीन में लगभग 10 करोड़ रुपये की ब्लैक मनी को व्हाइट कराने की बात सामने आयी है. इस मामले में जीबी रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर से भी पूछताछ की जा रही है. आयकर विभाग के अधिकारी मोतीलाल द्वारा विभिन्न खातों में जमा किये गये रुपयों की पूरी डिटेल खंगाल रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस बैंक में कई बेनामी खाते मौजूद हैं.