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डिजिटल इकोनॉमी अभियान शुरू

गया. दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) को पूरी तरह से कैशलेस करने की योजना बनायी गयी है. सीयूएसबी में होनेवाले ट्रांजेक्शन को डिजिटल पेमेंट में बदलने को लेकर डिजिटल इकोनॉमी अभियान शुरू किया गया है. यह अभियान 12 जनवरी तक चलेगा. सीयूएसबी के जनसंपर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि गुरुवार तक सीयूएसबी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2016 2:13 AM
गया. दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) को पूरी तरह से कैशलेस करने की योजना बनायी गयी है. सीयूएसबी में होनेवाले ट्रांजेक्शन को डिजिटल पेमेंट में बदलने को लेकर डिजिटल इकोनॉमी अभियान शुरू किया गया है.

यह अभियान 12 जनवरी तक चलेगा. सीयूएसबी के जनसंपर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि गुरुवार तक सीयूएसबी के कई सदस्यों को डिजिटल इकोनॉमी अभियान के तहत पंजीकृत किया गया है और अपने रोजमर्रा के भुगतान को डिजिटल तरीके से करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) से प्राप्त निर्देश के आलोक में सीयूएसबी में एक महीने का वित्तीय साक्षरता अभियान (विसाका) चलाया जा रहा है. यह अभियान सीयूएसबी के कुलपति प्रो (डॉ) हरीश चंद्र सिंह राठौर, प्रतिकुलपति प्रो (डॉ) ओमप्रकाश राय व कुलसचिव डॉ गायत्री विश्वनाथ पाटिल के मार्गदर्शन में सीयूएसबी में चलाया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि मंत्रालय के निर्देशानुसार, विसाका के अंतर्गत उच्च शिक्षण संस्थानों के युवाओं को डिजिटल इकोनॉमी को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है. इससे भ्रष्टाचार व काला धन पर लगाम लगाना और एक पारदर्शी प्रणाली विकसित करना है. इसके तहत छात्रों को स्वेच्छा से डिजिटल इकोनॉमी अभियान से जोड़ कर उन्हें दूसरों को भी जुड़ने के लिए प्रेरित करना है. ताकि, आसपास की मंडी व बाजार के दुकानदारों को भी कैशलेस लेनदेन के बारे में अवगत कराना है. पीआरओ ने बताया कि विसाका के लिए एमएचआरडी के एक विशेष वेबसाइट लांच किया है, इसमें विश्वविद्यालय को इस अभियान की गतिविधियों को अपलोड करने का निर्देश दिया गया है.

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