कालचक्र में आज से होगा दलाई लामा का प्रवचन
अनुष्ठान, भूमि पूजन व शुद्धीकरण का काम हुआ पूरा दलाई लामा की मौजूदगी में सिद्ध व वरीय लामाओं ने मंडाला व कालचक्र की आकृति बनायी बोधगया : नवता के कल्याण व विश्व शांति की कामना के साथ बोधगया के कालचक्र मैदान में आयोजित 34वीं कालचक्र पूजा में गुरुवार से बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा का प्रवचन […]
अनुष्ठान, भूमि पूजन व शुद्धीकरण का काम हुआ पूरा
दलाई लामा की मौजूदगी में सिद्ध व वरीय लामाओं ने मंडाला व कालचक्र की आकृति बनायी
बोधगया : नवता के कल्याण व विश्व शांति की कामना के साथ बोधगया के कालचक्र मैदान में आयोजित 34वीं कालचक्र पूजा में गुरुवार से बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा का प्रवचन शुरू होगा. तीन दिनों तक दलाई लामा श्रद्धालुओं को प्रवचन देंगे व इस दौरान अंत:करण को शुद्ध करते हुए मन की शांति के साथ-साथ विश्व में शांति, सहिष्णुता व भाईचारे को अपनाने के बारे में बतायेंगे. दलाई लामा ने इससे पहले सोमवार को कालचक्र पूजा में शामिल होनेवाले 80 देशों के श्रद्धालुओं को संबोधित किया व उन्हें पूजा में शरीक होने के नियम-कायदे व एकाग्रता का संकल्प दिलाया. इसके अलावा भूमि पूजन व शुद्धीकरण का काम भी किया गया.
मंगलवार व बुधवार को कालचक्र मैदान में दलाई लामा की मौजूदगी में हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला स्थित नामग्याल बौद्ध मठ के सिद्ध व वरीय लामाओं द्वारा मंडाला का निर्माण किया गया व उसके ऊपर कालचक्र की आकृति बनायी गयी. दलाई लामा व अन्य लामाओं द्वारा मंत्रोच्चार के बीच मंडाला का निर्माण किया गया.]
इस प्रक्रिया को देखने-सुनने के लिए सैकड़ों विदेशी श्रद्धालु कालचक्र मैदान में जमे रहे व दलाई लामा द्वारा किये जा रहे अनुष्ठान में आस्था प्रकट करते हुए उनके मंत्रोच्चार को सुनते रहे. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पंडाल में स्क्रीन लगाये गये हैं व उस पर लाइव प्रसारण दिखाया जा रहा है. दोपहर करीब दो बजे पूजा समाप्त कर दलाई लामा अपने प्रवास स्थल लौट गये. अब गुरुवार की सुबह सात बजे से दलाई लामा का प्रवचन शुरू होगा. इसमें आचार्य शांतिदेव द्वारा बोधिचित्त पर लिखी गयी बुद्ध वचनों का दलाई लामा द्वारा श्रद्धालुओं को सुनाया जायेगा.