दारोगा ने अपनी गवाही में बताया कि 22 जनवरी, 2015 से 26 जुलाई, 2016 तक वह एसएसपी कार्यालय में टेक्निकल सेल में पदस्थापित थे. डॉ दंपती के अपहरण के समय कॉल डिटेल रेकॉर्ड (सीडीआर) पहले शुभ्रा गुप्ता और उसके बाद डॉ पंकज गुप्ता का उन्होंने ही लिया था. सीडीआर के आधार पर ही उनका लोकेशन उत्तर प्रदेश के लखनऊ के गोमतीनगर इलाके का मिला था. अनुसंधानकर्ता (आइओ) रवि प्रकाश थे. सीडीआर से संबंधित पूरी कॉपी उन्हें उपलब्ध करायी थी. सिटी डीएसपी की टीम में वह भी शामिल थे.
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डॉक्टर दंपती अपहरणकांड : दारोगा ने नौ अभियुक्तों को पहचाना
गया: अपर जिला व सत्र न्यायाधीश (प्रथम) सच्चिदानंद सिंह की अदालत में गया शहर के स्वराजपुरी रोड के रहनेवाले डॉ पंकज गुप्ता व उनकी पत्नी शुभ्रा गुप्ता के अपहरणकांड (बाराचट्टी थाना कांड संख्या-155/15) में दारोगा (सब-इंस्पेक्टर) रामचंद्र भानू की गवाही हुई. वह फिलहाल चंदौती थानाध्यक्ष के पद पर पोस्टेड हैं. दारोगा ने अपनी गवाही में […]
गया: अपर जिला व सत्र न्यायाधीश (प्रथम) सच्चिदानंद सिंह की अदालत में गया शहर के स्वराजपुरी रोड के रहनेवाले डॉ पंकज गुप्ता व उनकी पत्नी शुभ्रा गुप्ता के अपहरणकांड (बाराचट्टी थाना कांड संख्या-155/15) में दारोगा (सब-इंस्पेक्टर) रामचंद्र भानू की गवाही हुई. वह फिलहाल चंदौती थानाध्यक्ष के पद पर पोस्टेड हैं.
ये थे घटनाक्रम
उन्होंने बताया कि बिहार के डीजीपी ने लखनऊ के आइजी, डीआइजी व एसएसपी को उक्त कांड को सुलझाने में मदद करने की बात कही थी. गोमतीनगर पहुंचने पर मुखबिर से सूचना मिली कि गोमतीनगर स्थित शारदा अपार्टमेंट के नौवें तल्ले पर सभी आरोपित हैं. गोमतीनगर की मखदुमपुर चौकी पर सभी एकत्रित हुए. वहां पांच टीमें बनीं. एसएसपी के नेतृत्व में दूसरी टीम में वह थे. मखदुमपुर चौकी से गाड़ी निकली. शारदा अपार्टमेंट से सभी अभियुक्त वहां से निकलने की तैयारी में थे. सभी को पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया. शारदा अपार्टमेंट में ब्लैक रंग की ऑडी कार लगी हुई थी. पार्किंग में एक फॉर्चूनर गाड़ी लगी हुई थी. तीसरी गाड़ी इनोवा थी. ऑडी गाड़ी के बारे में आरोपित अजय सिंह ने बताया था कि यह गाड़ी डॉ दंपती की है. फॉर्चूनर के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि कांड संख्या 37/15 में उक्त गाड़ी का प्रयोग किया गया था. इनोवा के बारे में पूछताछ की, तो अजय सिंह ने उससे संबंधित कोई भी कागजात पेश नहीं किया. अजय सिंह ने डॉ दंपती के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि वे शारदा अपार्टमेंट के नौवें तल्ले पर स्थित एक फ्लैट में हैं. आइजी, डीआइजी व सिटी एसपी राकेश कुमार और वह नौवीं फ्लोर पर गये. अपार्टमेंट की बगल में रखे गमले के पास से फ्लैट की चाबी निकाली और खोला. बाथरूमवाले कमरे में डॉ गुप्ता का सामान मिला. दूसरे कमरे में वरदी, जूते व कई नंबर प्लेट, जिसमें किसी राज्यपाल का सिंबल व नीली बत्ती और भी बहुत सारे सामान थे. इस कांड में नौ लोग गिरफ्तार हुए. आइजी के निर्देश पर गिरफ्तारी की गयी थी.
गोमतीनगर थाने में है मूल प्रति
कोर्ट में दारोगा ने स्वीकार किया कि गिरफ्तार होनेवाले सारे लोग उनके सामने अदालत के कटघरे में खड़े हैं और वह सभी को पहचानते हैं. इस कांड में एक आर्म्स एक्ट का केस भी गोमतीनगर थाने में दर्ज किया गया है. इसकी मूल प्रति लखनऊ के गोमतीनगर थाने में संलग्न है. इस कांड के आरोपित अजय सिंह की ओर से अधिवक्ता सत्येंद्र कुमार द्विवेदी, अभियुक्त मृत्युंजय कुमार की आेर से अधिवक्ता कैसर सर्फुद्दीन, अभियुक्त अमित सिंह, विजय सिंह व राहुल कुमार सोनी की ओर से अधिवक्ता सत्यनारायण सिंह व आनंद मोहन मिश्रा और अभियुक्त सुनील कुमार सिंह की ओर से अप्रतिरक्षित अधिवक्ता ललित कुमार गुप्ता व लोक अभियोजक योगानंद अम्बष्ठा ने अपना-अपना पक्ष रखा. इस केस में अगली सुनवाई 24 जनवरी को निर्धारित की गयी है.
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