टिकट घर के पास बनीं अवैध दुकानें गुलजार

गया: गया जंकशन स्थित डेल्हा टिकटघर के आसपास अवैध फुटपाथी दुकानें कुकुरमुत्ते की तरह लग गयी हैं. इससे यात्री परेशान हैं. जंकशन स्थित एक नंबर गुमटी से लेकर नौ नंबर प्लेटफॉर्म तक सब्जी, फल व अन्य दुकानदारों ने अवैध कब्जा कर दुकानें खोल दी हैं. इससे यात्रियों को टिकटघर तक जाने में परेशानी होती है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2017 10:07 AM

गया: गया जंकशन स्थित डेल्हा टिकटघर के आसपास अवैध फुटपाथी दुकानें कुकुरमुत्ते की तरह लग गयी हैं. इससे यात्री परेशान हैं. जंकशन स्थित एक नंबर गुमटी से लेकर नौ नंबर प्लेटफॉर्म तक सब्जी, फल व अन्य दुकानदारों ने अवैध कब्जा कर दुकानें खोल दी हैं. इससे यात्रियों को टिकटघर तक जाने में परेशानी होती है.

यात्रियों ने बताया कि जंकशन परिसर स्थित टिकटघर के सामने भीड़ रहने के कारण डेल्हा टिकटघर में आते हैं, लेकिन टिकटघर के आसपास फुटपाथी दुकानें अधिक होने के कारण नौ नंबर प्लेटफॉर्म से होकर टिकटघर तक जाना पड़ता है. स्थानीय लोगों ने बताया कि अतिक्रमण होने के कारण सड़क राहगीरों का चलना मुश्किल हो गया है, लेकिन रेलवे प्रशासन की ओर से अब तक इन अवैध दुकानों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है. यहां तक कि रेल पुलिस भी इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. रेल पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण इन दुकानदारों का मनोबल सातवें आसमान पर रहता है. स्थानीय लोगों का तो यह भी कहना है कि अतिक्रमण इस कदर किया गया है कि साइकिल से व पैदल चलना भी मुश्किल है.

बागेश्वरी गुमटी पार करने में होती है परेशानी

बागेश्वरी गुमटी के पास भी अवैध तरीके से दुकानें लगा दी गयी हैं. इस कारण राहगीरों को गुमटी पार करने में परेशानी होती है. बताया जाता है कि ट्रेन के गुजरने पर गुमटी के फाटक को बंद कर दिया जाता है, जिससे गुमटी पार करनेवाले मोटरसाइकिल व साइकिल सवार गुमटी के पास लगी दुकानों के निकट ही मोटरसाइकिल व साइकिल लगा देते हैं. इस वजह से बाइक व साइकिल चलानेवालों और दुकानदारों में तू-तूृ-मैं-मैं भी हो जाती है. स्थानीय लोगों ने कहा कि कई बार मारपीट की घटना भी हो चुकी है.

महाप्रबंधक के आने से पहले हटा था अतिक्रमण

हाजीपुर जोन के महाप्रबंधक के आने से पहले एक नंबर गुमटी, नौ नंटर गुमटी व नौ नंबर प्लेटफॉर्म के पास से अवैध दुकानों को रेलवे प्रशासन ने हटाया था, लेकिन उनके जाने के बाद दोबारा दुकानें गुलजार हो गयीं. स्थानीय लोगों ने कहा कि रेलवे का कोई बड़ा अधिकारी आता है, तो रेलवे पुलिस सक्रिय होती है, लेकिन अधिकारी के जाते ही सबकुछ पहले की तरह चलने लगता है.

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