”मन में भगवान को करें समाहित, इच्छाएं होंगी पूरी”
गया: रमना स्थित जैन मंदिर में भगवान आदिनाथ भगवान का महामंडल विधान के दूसरे दिन बुधवार की सुबह जैन श्रद्धालु मंदिर पहुंच कर पूजा विधान शुरू किये. जैन मुनि श्री चैत्य सागर महाराज ने श्रद्धालुआें के बीच प्रवचन किया. इसके बाद महिलाएं डांडिया खेलीं. श्री मुनि ने कहा कि गया में पंचकल्याणक का महा महाेत्सव […]
गया: रमना स्थित जैन मंदिर में भगवान आदिनाथ भगवान का महामंडल विधान के दूसरे दिन बुधवार की सुबह जैन श्रद्धालु मंदिर पहुंच कर पूजा विधान शुरू किये. जैन मुनि श्री चैत्य सागर महाराज ने श्रद्धालुआें के बीच प्रवचन किया. इसके बाद महिलाएं डांडिया खेलीं. श्री मुनि ने कहा कि गया में पंचकल्याणक का महा महाेत्सव 55 सालाें के बाद हाे रहा है. यह केवल पत्थर से भगवान बनाने की क्रिया नहीं, बल्कि अपने आत्मा काे परमात्मा बनाने की क्रिया है.
आत्मा काे शुद्ध करें. मन के अंदर भगवान काे समाहित करें. इससे हर इच्छाएं पूर्ण हाेगी. बाहुबली भगवान की वेदी के ऊपर नये शिखर के लिए बुधवार काे भूमि शुद्धि कर आधारशिला रखी गयी. बाहुबली भगवान की नयी वेदी बनाने के लिए उन्हें दूसरी जगह पर अस्थायी वेदी पर विराजमान किया गया. मंदिर के बगल में निचले तल्ले में एक नयी वेदी बनायी जायेगी, जहां मार्च में हाेने वाले पंचकल्याणक महामहाेत्सव के समय स्थायी रूप से विराजमान किया जायेगा. मुख्यशिला विजय अजमेरा व उनकी पत्नी माेनिका अजमेरा ने लगाया. इसके अलावा देवेंद्र कुमार अजमेरा, समाज के अध्यक्ष प्रकाश चंद्र सेठी, त्रिलाेक चंद्र पापड़ीवाल, महेंद्र जी बड़जात्या, समाज के उपाध्यक्ष सुशील गंगवाल, काेषाध्यक्ष शैलेश छाबड़ा आदि ने याेगदान किया.
कष्ट काे देखते हुए किया जा रहा इंतजाम : जैन समाज के मंत्री हेमंत पाटनी व मीडिया प्रभारी मुन्ना सरकार जैन ने बताया कि उस भवन में नये मंदिर का रूप देने का निर्णय लिया गया है. आचार्य श्री चैत्य सागर के नेतृत्व में यह कार्य होगा़ यह कार्य संपन्न हाेगा. .
आज चढ़ेगा 108 किलाे का लड्डू
विधान के तीसरे व अंतिम दिन गुरुवार काे अभिषेक, पूजन, हवन, विश्व शांति महायज्ञ, मार्च में हाेनेवाले पंचकल्याणक के लिए पात्राें का चयन किया जायेगा. मंत्री ने बताया कि जाे ज्यादा नियम व संयम रखते हैं उन्हीं का चयन किया जाता है. आदिनाथ भगवान के निर्वाण दिवस पर गुरुवार काे 108 किलाे का विशाल लड्डू का चढ़ावा जैन श्रद्धालु चढ़ायेंगे. उन्हाेंने बताया कि ऐसा बिहार-झारखंड में पहली बार हाे रहा है.