बुद्ध का दर्शन आज भी प्रासंगिक

बोधगया: बुद्ध जयंती के अवसर पर महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया परिसर स्थित जयश्री महाबोधि विहार के सभागार में शुक्रवार को आयोजित धम्म सभा में विभिन्न धर्मो के आचार्य शामिल हुए. सभा को संबोधित करते हुए आचार्य रामाचार्य ने कहा कि सनातन धर्म के चार वेदों के सार को व बुद्ध के उपदेश (दर्शन) में समानता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:41 PM

बोधगया: बुद्ध जयंती के अवसर पर महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया परिसर स्थित जयश्री महाबोधि विहार के सभागार में शुक्रवार को आयोजित धम्म सभा में विभिन्न धर्मो के आचार्य शामिल हुए. सभा को संबोधित करते हुए आचार्य रामाचार्य ने कहा कि सनातन धर्म के चार वेदों के सार को व बुद्ध के उपदेश (दर्शन) में समानता ज्यादा और भिन्नता कम है. उन्होंने कहा कि बुद्ध के दर्शन का अनुकरण करके हम एक बेहतर समाज की कल्पना को साकार कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अष्टम मार्ग के माध्यम से हम पंचशील का अनुकरण कर सकते हैं.

सभा को संबोधित करते हुए बीटीएमसी के सचिव एन दोरजी ने कहा कि सभी धर्मो का सार है-आपसी प्रेम व भाईचारा. उन्होंने आज की जरूरत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सबसे बड़ा धर्म मानवता को जीवंत रखने के लिए हमें धर्मो के मूल को पकड़ना होगा. गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सरदार करनैल सिंह, मसजिद प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मोहम्मद युसुफ, नूर कंपाउंड से ब्रrाकुमारी शीला आदी लोगों ने भी बुद्ध के जीवन पर प्रकाश डाला.

बुद्ध जयंती के बारे में लोगों ने बताया कि यह ऐसा दिन है जिस दिन बुद्ध का जन्म, ज्ञान की प्राप्ति व महापरिणिर्वाण हुआ. कार्यक्रम की अध्यक्षता मगध विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक सह बौद्ध अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सुशील कुमार सिंह ने किया. संचालन कैलाश प्रसाद व धन्यवाद ज्ञापन इंटर फेथ फोरम के सचिव ए एच खान ने किया. आगत धर्माचार्यो को मेमेंटो देकर सम्मानित किया गया. सोसाइटी द्वारा अपराह्न् तीन बजे लेडी एल्गिन अस्पताल में मरीजों के बीच फल आदि बांटे गये.

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