दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय : धरने पर बैठे छात्रों के मनाने में आयुक्त भी फेल
गया: दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) को बीएड की मान्यता देने की मांग को लेकर मंगलवार से सीयूएसबी कैंपस में धरना पर बैठे छात्रों को मगध आयुक्त लियान कुंगा भी नहीं मना सके. बुधवार की रात करीब साढ़े सात बजे आयुक्त सीयूएसबी कैंपस पहुंचे और धरने पर बैठे बीएड के विद्यार्थियों से बातचीत की. प्रतिनिधिमंडल […]
गया: दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) को बीएड की मान्यता देने की मांग को लेकर मंगलवार से सीयूएसबी कैंपस में धरना पर बैठे छात्रों को मगध आयुक्त लियान कुंगा भी नहीं मना सके. बुधवार की रात करीब साढ़े सात बजे आयुक्त सीयूएसबी कैंपस पहुंचे और धरने पर बैठे बीएड के विद्यार्थियों से बातचीत की. प्रतिनिधिमंडल में शामिल रोहित गोलटन, अनुपम रवि, प्रियंका कुमारी, ब्यूटी कुमारी व प्रिंस कुमार सहित अन्य विद्यार्थियों ने आयुक्त को बताया कि चार साल की पढ़ाई-लिखाई के बाद डिग्री न मिलने से उनका भविष्य बरबाद हो जायेगा. हालांकि, आयुक्त ने विद्यार्थियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांग को लेकर वह खुद काफी गंभीर हैं.
छात्र हित में जो भी आवश्यक कदम होगा, उसे उठाया जायेगा. फिलहाल, धरना समाप्त कर दें. लेकिन, आयुक्त की बातें सुन विद्यार्थियों ने एक स्वर से कहा कि वे उनका सम्मान करते हैं. लेकिन, यह मामला उनके भविष्य से जुड़ा है.
जब तक मानव संसाधन विकास विभाग से सचिव रैंक का कोई अधिकारी सीयूएसबी आकर उन्हें आश्वासन नहीं देते हैं, तबतक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.
इस प्रदर्शन के दौरान अगर किसी की जान भी चली जाये, तो किसी को कोई गम नहीं होगा. छात्रों का रूख भांपते हुए आयुक्त ने उनकी बातों को गंभीरता से लिया और विद्यार्थियों को गुरुवार की सुबह अपने आवास पर स्थित कार्यालय में बुलाया. आयुक्त ने विद्यार्थियों को आश्वस्त किया कि वे गुरुवार की सुबह आयें, कोई न कोई रास्ता निकाला जायेगा.
मान-मनौव्वल करते रहे बीडीओ व इंस्पेक्टर : धरने पर बैठे विद्यार्थियों को बुधवार को पूरे दिन बीडीओ संजीव कुमार व इंस्पेक्टर लाल बिहार पासवान सहित अन्य अधिकारी मनाते रहे. विद्यार्थियों को उन्होंने काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने. इधर, धरने पर बैठे विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिए मेडिकल टीम की तैनाती की गयी है. छात्र प्रिंस ने बताया कि बुधवार को धरना पर बैठे दो साथी बेहोश हो गये थे.