सीयूबी में चालू सत्र से कई नये कोर्सेस

गया: बिहार सेंट्रल यूनिवर्सिटी (सीयूबी) के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर जनक पांडेय एक मार्च को सेवानिवृत्त हो गये. प्रति कुलपति प्रोफेसर देवदास बनर्जी को प्रभारी कुलपति (वीसी) बनाया गया है. बुधवार को सीयूबी की ओर से होटल गर्व रेजिडेंसिया में संस्थापक कुलपति के पांच वर्षो के सफर को यादगार बनाने के उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित किया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 13, 2014 9:53 AM

गया: बिहार सेंट्रल यूनिवर्सिटी (सीयूबी) के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर जनक पांडेय एक मार्च को सेवानिवृत्त हो गये. प्रति कुलपति प्रोफेसर देवदास बनर्जी को प्रभारी कुलपति (वीसी) बनाया गया है.

बुधवार को सीयूबी की ओर से होटल गर्व रेजिडेंसिया में संस्थापक कुलपति के पांच वर्षो के सफर को यादगार बनाने के उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित किया. इस मौके पर प्रभारी वीसी ने कहा कि सेवानिवृत्त कुलपति ने बड़ा दायित्व उनके कंधे पर छोड़ा है. जिस संघर्ष से उन्होंने यूनिवर्सिटी को इस मुकाम पर लाकर खड़ा किया, उसे आगे बढ़ाना एक बड़ी चुनौती है. उम्मीद है कि इस चुनौती को वह सभी के सहयोग से पूरा कर पायेंगे. उन्होंने विश्वास भरे शब्दों में कहा कि अगले दो वर्षो में बिहार सेंट्रल यूनिवर्सिटी के गया कैंपस को पंचानपुर के पास बन रहे नये परिसर में शिफ्ट कर दिया जायेगा.

उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी के गया कैंपस में चालू सत्र से स्कूल ऑफ एजुकेशन के तहत एमएड, स्कूल ऑफ वोकेशनल स्टडीज के तहत आर्ट एंड क्राफ्ट में पोस्ट ग्रेजुएशन, स्कूल ऑफ सोशल साइंस एंड पॉलिसी के तहत राजनीति विज्ञान में एमफिल व पीएचडी की पढ़ाई शुरू की जा रही है. इन विषयों के पढ़ाई की स्वीकृति एकेडमिक काउंसिल (विद्वत परिषद) ने दी है. उन्होंने बताया कि विद्वत परिषद ने भौतिकी व रसायन विज्ञान विषय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू करने की स्वीकृति भी दी है. परंतु, इसकी पढ़ाई तत्काल शुरू करने में जगह की कमी बाधक हो सकती है.

यदि जगह बन सकी, तो इन दो विषयों की पढ़ाई भी इसी सत्र से शुरू कर दी जायेगी. इन विषयों में नामांकन की प्रक्रिया 28 मार्च से शुरू कर दी जायेगी. फिलहाल, बिहार सेंट्रल यूनिवर्सिटी के गया कैंपस में चार अंडर ग्रेजुएट कोर्सेस में स्कूल ऑफ एंड गर्वनेंस के तहत बीए एलएलबी, बीएससी एलएलबी (पांच साल का इंटिग्रेटेड कोर्स), स्कूल ऑफ एजुकेशन के तहत बीए बीएड, बीएससी बीएड(चार साल का इंटिग्रेटेड), पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेस में स्कूल ऑफ सोशल साइंस के तहत समाजशास्त्र व राजनीति विज्ञान विषय में स्नातकोत्तर, स्कूल ऑफ लैंग्वेज के तहत हिंदी व अंगरेजी में स्नातकोत्तर व एमफिल हिंदी में पीएचडी (इंटिग्रेटेड कोर्स) की पढ़ाई चल रही है.

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