लूट के माल को ठिकाने लगाता था तुलसी मांझी
गया : शेरघाटी पुलिस द्वारा पकड़े गये सात आरोपितों में शामिल एक बुजुर्ग तुलसी मांझी की अहम भूमिका है. वह लूट की वारदात में तो शामिल नहीं होता था, पर लूट की संपत्ति को ठिकाने लगाने की जिम्मेदारी तुलसी के कंधे पर ही होती थी. पुलिस की मानें, तो वह बेहद शातिर आदमी है कि […]
गया : शेरघाटी पुलिस द्वारा पकड़े गये सात आरोपितों में शामिल एक बुजुर्ग तुलसी मांझी की अहम भूमिका है. वह लूट की वारदात में तो शामिल नहीं होता था, पर लूट की संपत्ति को ठिकाने लगाने की जिम्मेदारी तुलसी के कंधे पर ही होती थी.
पुलिस की मानें, तो वह बेहद शातिर आदमी है कि उसके मुंह से कुछ भी उगलवा पाना पुलिस के लिए आसान नहीं था. वह इस काम को वर्षों से बखूबी करता चला आ रहा था. हालांकि पूर्व में भी वह जेल जा चुका है. पकड़े गये बुजुर्ग के बाबत पूछे जाने पर एसएसपी गरिमा मलिक ने कहा कि वह गिरोह के प्रमुख सदस्यों में से एक है. लूटी गयी बाइक को बेचने का जिम्मा उसी पर था. वह इस काम को बड़ी ही आसानी से करता था. लोग उस पर शक भी नहीं करते थे. लूट का सामान बेचने के बाद तय सौदे के तहत मिले रुपये को वह गिरोह के सदस्यों को सौंप देता था. लूट की बाइक को वह गांवों में जाकर बेच देता था. पुलिस की पूछताछ में उसने अपना अपराध कबूल कर लिया है. तुलसी उक्त गिरोह के सदस्यों के साथ लंबे समय से जुड़ा हुआ है. लूट के माल को ठिकाने लगाने के अलावा वह गिरोह तक सूचनाएं पहुंचाने का भी काम करता था.