भारत को बौद्ध धर्म ने बनाया जगद्गुरु : राज्यपाल

बोधगया: भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली महाबोधि मंदिर परिसर स्थित बोधिवृक्ष की छांव तले बुधवार को आयोजित बुद्ध के 2561वें जयंती समारोह में राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत को जगद्गुरु कहा जाता है. इसका सबसे ज्यादा श्रेय बौद्ध धर्म को जाता है. उन्होंने कहा कि अन्य सभी धर्मों के लोग भी भारत में रहते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 11, 2017 9:59 AM

बोधगया: भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली महाबोधि मंदिर परिसर स्थित बोधिवृक्ष की छांव तले बुधवार को आयोजित बुद्ध के 2561वें जयंती समारोह में राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत को जगद्गुरु कहा जाता है. इसका सबसे ज्यादा श्रेय बौद्ध धर्म को जाता है. उन्होंने कहा कि अन्य सभी धर्मों के लोग भी भारत में रहते हैं व उनकी अपनी-अपनी महत्ता व उपयोगिता है, पर भारत को जगद्गुरु बनाने में बौद्ध धर्म का सबसे ज्यादा योगदान रहा है. आज दुनिया के कई देशों के लोग बुद्ध के संदेशों को अपनाने में जुटे हैं.

राज्यपाल ने कहा कि समस्त विश्व में मानव जाति के कल्याणार्थ बुद्ध के संदेश कारगर हो रहे हैं व यह एक तरह से आचार संहिता है, जिसके तहत किसी तरह का सांप्रदायिकता, जाति व ऊंच-नीच का भेदभाव नहीं है.

गवर्नर ने आह्वान किया कि बुद्ध के संदेश से प्रेरित होकर अपने जीवन को सुखी बनाएं, क्योंकि पंचशील का पालन कर मनुष्य का जन्म सार्थक हो सकता है. उन्होंने बुद्ध की कही बातों का जिक्र करते हुए कहा कि बुद्धने अपने शिष्यों से कहा था-उपदेशों में विश्वास करो, उसे समझो और उसका पालन करो. उन्होंने मौजूद बौद्ध भिक्षुओं व श्रद्धालुओं के समक्ष इसकी भी जानकारी दी कि बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति व महापरीनिर्वाण भी वैशाख पूर्णिमा के दिन ही हुआ था. बुद्ध ने 35 वर्ष की आयु में संबोधि को प्राप्त किया और 80 वर्ष की आयु में कुशीनगर में उनका महापरीनिर्वाण हो गया. हमें विश्व समुदाय को बुद्ध के संदेशों से अवगत कराने में अपनी भूमिका का निर्वहन करने की आवश्यकता है. इससे पहले राज्यपाल ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का उद्घाटन करने के बाद बीटीएमसी द्वारा प्रकाशित प्रज्ञा पत्रिका व कॉफी टेबुल बुक का विमोचन किया. जयंती समारोह में राज्यपाल की पत्नी ने भी शिरकत कीं.

इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि बुद्ध ने देश-दुनिया में शांति का संदेश देने का काम किया था. आज उसकी फिर से जरूरत महसूस की जा रही है. हम सभी को मिल कर शांति का प्रयास करना चाहिए. कार्यक्रम में मगध आयुक्त लियान कुंगा ने भी बुद्ध के अहिंसा का संदेश का जिक्र किया व कहा कि उसकी प्रासंगिकता आज भी है. स्वागत भाषण डीएम सह बीटीएमसी के पदेन अध्यक्ष कुमार रवि ने किया. उन्होंने राज्यपाल सहित जयंती समारोह में शामिल सभी भिक्षुओं व श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन करते हुए बताया कि जिला प्रशासन व बीटीएमसी के सहयोग से श्रद्धालुओं के लिए कालचक्र मैदान में ठहरने व खाने की सुविधा के साथ ही गया स्टेशन से बोधगया तक नि:शुल्क बस सेवा की व्यवस्था की गयी है. सुरक्षा के साथ-साथ चिकित्सा की भी मुकम्मल इंतजाम किये गये हैं.

धन्यवाद ज्ञापन बीटीएमसी के सचिव एन दाेरजी ने किया. महाबोधि मंदिर में आयोजित समारोह से पहले भिक्षुओं व श्रद्धालुओं द्वारा सुबह 7:30 बजे 80 फुट बुद्ध मूर्ति से महाबोधि मंदिर तक शोभायात्रा निकाली गयी. इसमें डीएम कुमार रवि व एसएसपी गरिमा मलिक भी शरीक हुए. जयंती समारोह में महाराष्ट्र सहित अन्य स्थानों से 10 हजार के करीब श्रद्धालु बोधगया पहुंचे हैं व उनकी सुविधा व सुरक्षा को लेकर मुकम्मल इंतजाम किये गये हैं.

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